उत्तर प्रदेश में राज्य कर्मियों की महाहड़ताल गैरकानूनी: इलाहाबाद हाईकोर्ट

punjabkesari.in Friday, Feb 08, 2019 - 08:19 AM (IST)

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य कर्मियों की महाहड़ताल को अवैध घोषित करते हुए प्रदेश सरकार को कहा है कि इसकी वीडियोग्राफी कराए और जो भी कर्मचारी हड़ताल में शामिल हो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा कि ऐसे समय जब बोर्ड की परीक्षाएं चल रही है और हजारों लोग बीमारी से पीड़ित है, महाहड़ताल करना एकदम गलत है।

न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार अरोड़ा और न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ ने एक स्थानीय वकील राजीव मिश्रा की याचिका पर गुरुवार को यह आदेश दिए। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह और मुख्य स्थाई अधिवक्ता प्रकाश सिंह अदालत में उपस्थित हुए। सिंह ने अदालत को बताया कि सरकार ने इस मामले में पहले ही एस्मा लगा रखा है।

याची ने अदालत को बताया कि उसके बच्चों की परीक्षाएं होने वाली है तथा वह पति-पत्नी दोनों बीमार है। ऐसे में राज्य कर्मचारियों द्वारा हड़ताल से याची सहित अनेक लोगों को बहुत बड़ी हानि हो सकती है। याची की ओर से एक नजीर का भी हवाला देते हुए कहा गया कि राज्य कर्मियों को एक साथ इतनी बड़ी हड़ताल पर साथ जाना गलत है यह भी कहा गया कि राज्यकर्मियों द्वारा इतनी बड़ी हड़ताल करना सेवा नियमावली के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस हड़ताल से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा।

अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से कहा है कि वह हड़ताल करने वालों पर सख्त कारवाई करे और उसपर पूरी तरह से अंकुश लगाए। उल्लेखनीय है कि पुरानी पेंशन के मामले को लेकर प्रदेश के लाखों कर्मचारिरयों ने 6 फरवारी से हड़ताल शुरू कर दी थी। अदालत ने इस हड़ताल को गैर कानूनी घोषित करते हुए सरकार से सख्त कदम उठाए की बात कही है।


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