नेपाल सीमावर्ती गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के आय स्रोतों की होगी जांच, जकात के जरिये का होगा खुलासा

punjabkesari.in Monday, Nov 21, 2022 - 10:59 AM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का पता लगाने के लिए किए जा रहे सर्वे का काम पूरा हो गया है। जिसकी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है। अब इस रिपोर्ट के बाद सामने आए गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की आय के स्रोतों की जांच की जाएगी। दरअसल, सर्वे में मिले नेपाल सीमा पर स्थित गैर मान्यता प्राप्त मदरसों ने अपनी आय का स्रोत जकात बताया था। अब इस बात की जांच की जाएगी कि मदरसों को मिलने वाली जकात का जरिया क्या है।

बता दें कि राज्य में गैर मान्यता प्राप्त चल रहे मदरसों का पता लगाने के लिए सरकार द्वारा सर्वे कराया गया था। अब इस सर्वे का काम पूरा हो गया है। सर्वे में सामने आया है कि करीब साढ़े आठ हजार मदरसे ऐसे हैं जिन्होंने मान्यता नहीं ली है। इनमें 7.64 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं। अब इस सर्वे में नेपाल सीमा पर स्थित यूपी के जिलों के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में आय के स्रोतों की जांच होगी। सर्वे में ज्यादातर सीमावर्ती मदरसों ने अपनी आय का स्रोत जकात बताया है। अब पता लगाया जाएगा कि बॉर्डर के गैर मान्यता प्राप्त डेढ़ हजार से ज्यादा मदरसों को यह जकात कहां से मिल रही है। इसके लिए सीएम की अध्यक्षता में बैठक होने जा रही है। इस बैठक के बाद कार्रवाई का फैसला होगा।

सरकार जानना चाहती है जकात का जरिया
सर्वे की रिपोर्ट के बाद गैर मान्यता प्राप्त सीमावर्ती मदरसों ने अपनी आय का स्रोत जकात को बताया है। सरकार यह मान भी रही है, लेकिन सरकार की यह जानना चाहती है कि जकात का जरिया क्या है। खास तौर से नेपाल बॉर्डर के जिलों में इस पर फोकस करने को कहा गया है। सरकार की यह इच्छा है कि मदरसों को मिलने वाली जकात का जरिया पता होना चाहिए।

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जकात के लिखित दस्तावेज खंगाले जाएंगे
सर्वे रिपोर्ट में बॉर्डर के जिलों सिद्धार्थनगर में 500 से ज्यादा, बलरामपुर में 400 से ज्यादा, लखीमपुर खीरी में 200, महराजगंज में 60, बहराइच तथा श्रावस्ती में 400 से ज्यादा मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले हैं। इन सभी मदरसों ने मौखिक बताया है कि उन्हें कोलकाता, चेन्नई, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद सहित कई महानगरों से जकात मिलती है। कुछ मदरसों को दुबई व नेपाल के भी सहयोग राशि देते हैं। लेकिन लिखित में दस्तावेज खंगाले जाएंगे कि कहां कहां से कितना पैसा आया। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि इसके लिए सीएम की अध्यक्षता में बैठक होगी और उनसे इस पर मंजूरी ली जाएगी ताकि इस पर पूरी गंभीरता से काम हो सके।

CM की अध्यक्षता में होने जा रही बैठक
सीएम की अध्यक्षता में बैठक होने जा रही है। इस बैठक में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों पर क्या कार्रवाई होगी, बैठक में इस पर मंथन होगा। मंत्री के मुताबिक सरकार की मंशा है कि मदरसों में पढ़ रहे छात्र ऐसी संस्थाओं में पढ़ें जहां उनका भविष्य संवर सके और वे मुख्य धारा से जुड़ें। 


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Content Editor

Pooja Gill

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