शहजादी के बाद अब इस भारतीय बेटी को 16 जुलाई को यमन में दी जाएगी फांसी! जानिए क्यों मिली ऐसी सजा?

punjabkesari.in Wednesday, Jul 09, 2025 - 08:17 PM (IST)

यूपी डेक्स: उत्तर प्रदेश की शहजादी खान को UAE में 15 फरवरी 2025 को फांसी दे दी गई, उसके बाद अब केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया को यमन की राजधानी सना में 16 जुलाई को फांसी की सजा दी जाएगी। परिजनों और सरकार ने हर संभव भारतीय बेटी को बचाने की कोशिश, लेकिन मामला कूटनीतिक जटिलताओं और कानूनी पेचीदगियों के कारण उलझा हुआ है और भारत सरकार की ओर से की जा रही तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक कोई ठोस सफलता नहीं मिली है। ऐसे में 16 जुलाई निमिषा प्रिया को फांसी पर लटका दिया जाएगा। जिससे परिवार सदमे में है।

पढ़ें पूरा मामला
दरअसल, केरल पलक्कड़ जिले की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया पेशे से एक नर्स हैं जिनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं थी, उन्होंने अपनी आर्थिक हालात को सुधारने के लिए विदेश में जाकर नौकरी करने का फैसला किया। उसके बाद निमिषा प्रिया वर्ष 2011 में नर्सिंग का कार्य करने के लिए यमन गई थीं। तीन वर्षों बाद, यानी 2014 में, उनके पति और बेटी भारत लौट आए, लेकिन उन्होंने वहीं रहकर काम जारी रखा ताकि परिवार को आर्थिक मजबूती मिल सके।

क्लिनिक खोलने के लिए साझेदारी, फिर शुरू हुआ शोषण
यमन के नियमों के अनुसार, कोई भी विदेशी नागरिक स्थानीय साझेदार के बिना क्लिनिक नहीं खोल सकता। इसी कारण निमिषा ने स्थानीय नागरिक तालाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक क्लिनिक शुरू किया। बाद में निमिषा ने गंभीर आरोप लगाए कि महदी ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए उनसे शादी का दावा किया, उनका यौन और मानसिक शोषण किया, और पासपोर्ट जब्त कर उन्हें बंधक बना लिया।

मौत की योजना या आत्मरक्षा?
साल 2017 में, कथित रूप से निमिषा ने महदी को बेहोश करने के इरादे से दवा दी ताकि वह पासपोर्ट लेकर भारत लौट सकें। लेकिन दवा की मात्रा ज्यादा हो गई और महदी की मौत हो गई। शव को छिपाने के लिए उन्होंने कथित तौर पर स्थानीय महिला हनान की मदद से शव के टुकड़े किए और उन्हें पानी की टंकी में फेंक दिया।

यमन की अदालत ने सुनाई मौत की सजा
यमन की अदालत ने 2020 में उन्हें फांसी की सजा सुनाई। अदालत ने उन्हें हत्या का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई। बाद में हौती प्रशासन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने 2023 में इस सजा को बरकरार रखा। वहां की कानूनी प्रणाली के अनुसार, यदि पीड़ित का परिवार "ब्लड मनी" (रक्त-पैसे/दिया) स्वीकार कर लेता है, तो फांसी टाली जा सकती है। हालांकि ऐसा नहीं हो सका।

अब क्या प्रयास हो रहे हैं?
भारत में सामाजिक कार्यकर्ता, मानवाधिकार संगठन और कई राजनीतिक नेता इस सजा को मानवीय दृष्टिकोण से अनुचित मानते हुए इसे रोकने की अपील कर रहे हैं।
भारतीय सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल हुई है, जिसमें सरकार से कूटनीतिक हस्तक्षेप की मांग की गई है। इसके अलावा, यमन की परंपरा के अनुसार ब्लड मनी (रक्त-पैसे) देकर पीड़ित परिवार से माफी लेकर फांसी टालने की कोशिश की, लेकिन इस बीच खबर आई है कि अब निमिषा प्रिया को फांसी सजा दे दी जाएगी। 


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Content Writer

Ramkesh

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