पोस्टिंग का इंतजार कर रहीं IPS रेणुका मिश्रा ले सकती हैं VRS, स्थायी DGP की राह हो सकती है साफ
punjabkesari.in Saturday, Jul 12, 2025 - 01:03 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में डेढ़ साल से तैनाती का इंतजार कर रहीं वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रेणुका मिश्रा जल्द ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो कार्यवाहक डीजीपी राजीव कृष्ण के लिए स्थायी डीजीपी बनने का रास्ता खुल सकता है।
पोस्टिंग न मिलने से नाराज़ रेणुका मिश्रा
रेणुका मिश्रा को 5 मार्च 2024 से कोई स्थायी तैनाती नहीं मिली है। पहले उन्हें वेटिंग में डाला गया, बाद में डीजीपी मुख्यालय से अटैच कर दिया गया। उनके पति आदित्य मिश्रा हाल ही में डीजी फायर सर्विस पद से रिटायर हो चुके हैं, जिससे संभावना बढ़ गई है कि रेणुका मिश्रा भी VRS का फैसला ले सकती हैं।
पेपर लीक मामला बना वजह?
मार्च 2024 में सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के बाद जब रेणुका मिश्रा भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की अध्यक्ष थीं, तब सरकार की काफी आलोचना हुई। इसके बाद से उन्हें जिम्मेदारी से हटा दिया गया और तब से वे वेटिंग में रहीं।
DGP चयन में फंसा पेंच
राज्य सरकार को स्थायी डीजीपी के लिए UPSC को प्रस्ताव भेजना होता है, जिसमें ऐसे अफसरों के नाम शामिल होते हैं जिनकी सेवा 30 साल हो चुकी हो और कम से कम 6 महीने की सेवा शेष हो। राजीव कृष्ण वरीयता क्रम में 10वें स्थान पर हैं। उनसे ऊपर के कुछ अफसर जल्दी रिटायर होने वाले हैं। अगर रेणुका मिश्रा VRS लेती हैं, तो राजीव कृष्ण UPSC पैनल में तीसरे स्थान पर पहुंच सकते हैं।
मई 2022 से नहीं है स्थायी DGP
11 मई 2022 के बाद से यूपी में कोई स्थायी डीजीपी नहीं है। तब से अब तक पांच कार्यवाहक डीजीपी बन चुके हैं। मुकुल गोयल के बाद से यह पद लगातार अस्थायी रूप से भरा जा रहा है। पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा कि वरिष्ठ अफसरों के साथ हो रहा भेदभाव, जैसे कि आशीष गुप्ता के VRS का मामला, यूपी पुलिस के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।