डॉ. तोमर ने EVM पर फोड़ा हार का ठीकरा, डॉ. सत्येंद्र सिंह ने कहा- किसी को दोषी ठहराना ठीक नहीं, जनादेश स्वीकार करें

punjabkesari.in Wednesday, May 17, 2023 - 04:27 PM (IST)

बरेली: आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सत्येंद्र सिंह ने सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी डॉ.आईएस तोमर को ईवीएम को दोषी ठहराने के बजाय जनादेश को स्वीकार करने की सलाह दी है। डॉ. सत्येंद्र ने कहा कि बरसों से जुड़े लोग इस चुनाव में डॉ. तोमर के साथ नहीं थे, न रोटरी क्लब न आईएमए जिस पर उनका वर्चस्व रहा करता था। उन्होंने कहा कि रोटरी क्लब, आईएमए और "जाट समुदाय में फाड़ नजर आए। चुनाव के दौरान डॉ. तोमर न खुद मुस्लिम इलाकों में गए न सपा नेताओं ने बैठकें की। सपा नेता सड़कों पर घूमकर फोटो खिंचवाते रहे। चुनाव की वास्तविक समीक्षा करेंगे तो सपा प्रत्याशी को कई कमियां नजर आएंगी जिसे उन्होंने नजरअंदाज किया।

 

डॉ. सत्येंद्र ने दी सलाह कहा- चुनाव हारने के पीछे और कई कमियां
उन्होंने कहा कि सपा की शुरुआत ही ठीक नहीं रही। घोषित प्रत्याशी से चुनाव चिह्न छीनने से जनता में गलत संदेश गया। आईएमए के इतिहास में किसी बाहरी प्रत्याशी के लिए पहली बार मीटिंग हो गई। सोशल मीडिया पर मेसेज चला कि जीतने के बाद डॉ. तोमर भाजपा में चले जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली को सभी वर्गों ने पसंद किया।

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हार के बाद क्या बोले डॉ. आईएस तोमर? 
बरेली मेयर चुनाव में 56 हजार से ज्यादा वोटों के रिकॉर्ड अंतर से हारे सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. आईएस तोमर का कहना है कि एक जमाने में बूथ कैप्चरिंग होती थी तो सबको दिखती थी लेकिन ईवीएम की सेटिंग बदलकर आसानी से यह काम किया जा सकता है। उन्होंने ईवीएम पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह कैसे हो सकता है कि जिन इलाकों में पिछले चुनाव में उन्हें भरपूर वोट मिला, इस बार वहां उन्हें कोई वोट न दे।

ईवीएम में या तो सिर्फ भाजपा के नाम वाले बटन दब रहे थे या फिर...
डॉ. तोमर ने सवाल किया कि ऐसा कैसे हो सकता है कि शुरू से आखिर तक भाजपा और सपा प्रत्याशी के वोटों में दुगने का अंतर रहे। बोले, मतगणना का बूथवार रिकार्ड अभी मिला नहीं है। रिकॉर्ड मिलने के बाद उसकी समीक्षा कर बताएंगे कि कहां- कहां क्या किया गया है। डॉ. तोमर ने कहा कि ईवीएम के बरेली में आने के बाद पहले दिन ही उनमें गड़बड़ियां उजागर हो गई थी। 16 लोगों के नाम होने के बाद भी ईवीएम में या तो सिर्फ भाजपा के नाम वाले बटन दब रहे थे या फिर कोई भी बटन दबाओ तो भाजपा को वोट जा रहा था। प्रेक्षक के सामने भी अचानक चेक करने पर तीन में से दो ईवीएम में यह गड़बड़ी निकली थी।

ईवीएम की सेटिंग से हारे चुनाव
डॉ. तोमर ने कहा कि वह हार का कारण वोट न मिलना नहीं बल्कि ईवीएम की सेटिंग को मानते हैं । निष्पक्ष चुनाव होता तो तस्वीर उलट होती। जनता भ्रष्टाचार से नाखुश थी और बदलाव चाहती थी लेकिन नतीजा जनता के मूड के विपरीत आया है। यह परिणाम पहले से तय था।


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Content Writer

Ajay kumar

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