गन्ना समर्थन मूल्य पर जाटलैंड के किसानों का छलका दर्द, बोले- ‘सरकार को भगवान दिख रहे हैं किसान नहीं’

punjabkesari.in Tuesday, Feb 18, 2025 - 05:33 PM (IST)

Shamli News, (पंकज मलिक): उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए गन्ना मूल्य यथावत रखने का निर्णय लिया है। जिससे प्रदेश के लाखों किसानों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है और इस झटके से जाटलैंड के किसानों का दर्द छलका है। किसानो का कहना है कि सरकार को सिर्फ भगवान दिख रहे है किसान नहीं।

किसानों की उम्मीद पर फिरा पानी
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार का बजट सत्र शुरू होने से पहले ही योगी सरकार कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए 2024- 25 का गन्ना समर्थन मूल्य यथावत रखने का निर्णय लिया है। जिससे किसान मायूस नजर आ रहा है। क्योंकि किसानों को उम्मीद थी कि सरकार इस बार भी गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाएगी। क्योंकि किसान पिछले काफी समय से लगातार गन्ने की पैदावार करने में हुई खर्च की बढ़ोतरी से परेशान थे और वह गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग भी कर रहे थे। किसानों का कहना है कि पिछले वर्ष गन्ने के समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा 20 रुपए की वृद्धि की गई थी। लेकिन पिछले वर्ष से लेकर अब तक खाद, बीज उर्वरक, डीजल और कृषि यंत्रों के दाम काफी बढ़े हुए है। लेकिन सरकार ने उनके गन्ना समर्थन मूल्य को उपरोक्त के सापेक्ष नही बढ़ाया है। जिससे समूचे उत्तर प्रदेश सहित जाटलैंड के किसान मायूस दिखाई दे रहे है।

जयंत चौधरी पर भी हमलावर हुए किसान
शामली शुगर मिल में गन्ना डालने आए किसान रामतीर्थ ने बताया की सरकार को सिर्फ भगवान दिखाई दे रहे हैं किसान नजर नहीं आ रहे हैं। भगवान तो मंदिर में बैठे है लेकिन ये जो योगी-मोदी है इन्हें खुश करने का कौन सा तरीका है वो किसानो को मालूम नहीं, अगर मालूम हुआ तो किसान इन्हें भी खुश करेंगे, ताकि उन्हें किसान की स्तिथि दिख सके। सरकार के निर्णय से मायूस किसान ने जयंत चौधरी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि हमने शामली से जयंत चौधरी को बड़ी उम्मीदों से विपक्ष में रहते हुए तीन सीटें देकर किसानों की आवाज बुलंद करने के लिए भेजा था। लेकिन वह भी भाजपा की गोद में जाकर बैठ गए है और किसानों को मायूसी के सिवा कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि यह वही जयंत चौधरी है जो दो वर्ष पहले इसी गन्ने के भाव को लेकर किसानों के साथ शामली की धरती पर धरने पर बैठे थे और अब भाजपा के साथ बैठे है लेकिन कुछ कह नहीं सकते।

 


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Content Editor

Mamta Yadav

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