बदहालीः मरने की हालत में पहुंचा वाराणसी का जवाहर लाल नेहरू मार्केट
punjabkesari.in Thursday, Nov 14, 2019 - 04:42 PM (IST)
वाराणसीः प्रदेश पर्यटन का हब बनता जा रहा है। पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश में सुंदरी करण पर तमाम कार्य किए जा रहे हैं ऐसे में प्रदेश का वाराणसी जिला सबसे आगे है। मूलभूत सुविधाओं और सुंदरी करण दोनो को दुरुस्त करने की तैयारी तेजी के साथ चल रही है। मगर वाराणसी का एक हिस्सा इससे बिल्कुल अछूता है। जी हां हम बात कर रहे हैं 150 दुकानों और 3 पार्कों से बना जवाहर लाल नेहरू मार्केट की जिसकी हालत दयनीय है और यह सरकारी उपेक्षा का शिकार बन गयी है।
बताते चलें कि वाराणसी में लगभग 35 साल पहले बनाया गया जवाहर मार्केट आज भी भले जिंदा हो मगर वो भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में, उपेक्षा का शिकार होने की वजह से खस्ताहाल पड़ा है। वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के ठीक सामने बने इस मार्केट में लगभग 150 दुकाने हैं जबकि प्रस्तावित 3 पार्कों में से सिर्फ एक पार्क दिखाई देता है वो भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में। मार्केट को बड़े क्षेत्र में बनाया गया है। कांग्रेस सरकार ने 70 के दशक में पार्क का निर्माण कराया था जिसका मकसद यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को सुविधाजनक बाजार उपलब्ध कराना था जहां एक ही जगह जरूरत के सभी सामान मुहैया हो सकें।
इसी के साथ-साथ 2 मंजिला पूरे मार्केट में 3 अलग अलग जगहों पर 3 पार्क बनाये गए जिसमें भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा स्थापित करनी थी लेकिन आजतक न तो प्रतिमा लगी और ना ही चाचा नेहरू के नाम पर कोई बोर्ड तक लग पाया और तो और 3 में से 2 पार्कों का अस्तित्व ही मिट गया। हालत इतनी दयनिय हो गयी है कि 3 में से एक पार्क शौचालाय तो दुसरे को पार्किंग बना दिया गया है। एक पार्क के आधे हिस्से को शेल्टर होम बना दिया गया। इन 35 से 40 सालों के बीच मे सरकारें आई और गई कितने विकास हुए लेकिन इस मार्केट की स्थति वहीं की वहीं रह गई। स्थानीय लोग मानते हैं कि इसकी उपेक्षा की गई है।
मार्केट की बुनियाद रखने वाले बिल्डर योगेंद्र नाथ शर्मा भी इसकी स्थिति जानकर काफी आहत हैं उनका कहना है कि इसकी बुनियाद इतनी मजबूत है कि आज भी इसके ऊपर 3 मंजिला मकान बनाया जा सकता है। आज इस मार्केट में खाली जगह पर व्यवसायियों का कब्ज़ा है। नीचे बैंक था जो अब बंद हो चुका है। शराब की दुकान खुलने के बाद से अवांछनीय तत्वों के वजह से गंदगी रहती है। बाहुबलियों ने मार्केट के पीछे खाली जगहों पर कब्ज़ा कर लिया है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि कई सरकारें आई लेकिन किसी न इसपर ध्यान नही दिया। अगर ध्यान दिया होता तो आज ये मार्केट पूर्वांचल का सबसे बड़ा और सुंदर मार्केट होता। स्थानीय लोगों को वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से काफी उम्मीदें हैं क्योंकि वाराणसी उनका संसदीय क्षेत्र है यहां ताबड़तोड़ विकास किये जा रहे हैं। तो ऐसे में उम्मीद है कि इस मार्केट का भी जल्द जीर्णोंद्धार होगा।