जितेंद्रानंद सरस्वती ने दिया बड़ा बयान, कहा- तीर्थाटन को पर्यटन मंत्रालय से अलग करे सरकार

punjabkesari.in Wednesday, Jan 25, 2023 - 06:50 PM (IST)

प्रयागराज: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती ने बुधवार को सरकार से मांग की कि तीर्थाटन को पर्यटन मंत्रालय से अलग किया जाए क्योंकि पर्यटन में शराब और मांसाहार चलेगा, लेकिन तीर्थ क्षेत्र में ये चीजें नहीं चलेंगी। यहां माघ मेला क्षेत्र में विहिप द्वारा आयोजित संत सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि तीर्थाटन को पर्यटन मंत्रालय से अलग किया जाए क्योंकि पर्यटन का लक्ष्य मौज है और तीर्थाटन का लक्ष्य है मोक्ष।'

हिंदुओं के खिलाफ चल रहे षड़यंत्र
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस और गोस्वामी तुलसीदास पर टिप्पणी को लेकर जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, ‘‘ये नेता वर्ष 2024 के चुनाव को ध्यान में रखकर इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं ताकि हिंदुओं को आपस में बांटा जा सके।'' संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए वासुदेवाचार्य जी महाराज ने कहा, ‘‘हम संत समाज के लोग एक बुकलेट तैयार कर गांव-गांव में जाएंगे और हिंदुओं के खिलाफ जो भी षड़यंत्र चल रहे हैं, उनके बारे में लोगों को बताएंगे।

परिवार नाम की संस्था को समाप्त करने का आरोप 
सैमलैंगिक संबंधों को न्यायालय द्वारा मान्यता दिए जाने पर उन्होंने कहा कि परिवार नाम की संस्था को समाप्त करने का यह षड़यंत्र है और इसके पीछे लोग तरह-तरह की दलील दे रहे हैं। जबलपुर के नरसिंह पीठाधीश्वर नरसिंह दास महाराज ने कहा, ‘‘यदि संत समाज के लोग उन क्षेत्रों में जाकर चातुर्मास करेंगे जहां कई ईसाई मिशनरी द्वारा धर्मांतरण कराया जा रहा है, तो धर्मांतरण पर रोक लगेगी।'' कार्यक्रम का संचालन कर रहे विश्व हिंदू परिषद के संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने कहा, यदि साधु संत सुदूर ग्रामीण आंचलिक क्षेत्रों में प्रवास करते रहेंगे तो आधी से अधिक समस्याएं स्वतः ही समाप्त हो जाएंगी। विहिप इन साधु संतों को ग्रामीण अंचलों में प्रवास करने के लिए कहेगी।


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Content Writer

Ramkesh

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