बिकरू कांड के बाद पत्रकार की हत्या, विपक्ष ने कहा-योगी सरकार में चरम पर है ‘जंगलराज’

punjabkesari.in Wednesday, Jul 22, 2020 - 03:59 PM (IST)

यूपी डेस्क : उत्तर प्रदेश में कानून का राज होने का दावा करने वाली योगी सरकार बुरी तरह से फेल साबित हो रही है। आए दिन महिलाओं, बच्चियों के साथ रेप, गैंगरेप, अपहरण के बाद हत्या की खबरें आम सी हो गई हैं। बदमाश खुले आम लोगों को मौत के घाट उतारकर फरार हो जा रहे हैं। प्रदेश में दिन दहाड़े हो रही इन वारदातों को देखकर ऐसा लग रहा है कि बदमाशों में योगी सरकार का जरा भी खौफ नहीं है। बीते दिनों प्रदेश में एक के बाद एक घटित हुई कई वारदातों ने यूपी सरकार की पोल खोलकर रख दी है। आइए उनपर एक नजर डालते हैं।

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1. कानपुर का बिकरू कांड
दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात करीब एक बजे गैंगस्टर विकास दुबे को पकडऩे गए पुलिस दल पर उसके गुर्गों ने ताबड़तोड़ गोलियां चला कर पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा, तीन दारोगा और चार सिपाहियों की हत्या कर दी थी। इस मामले में भी पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे से मिली हुई थी। हालांकि बाद में विकास दुबे को यूपी पुलिस और यूपी एटीएस की टीम ने कथित मुठभेड़ में मार गिराया। इस मामले को लेकर लोगों ने पुलिस और यूपी सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। 

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2. लोक भवन के सामने मां-बेटी ने किया आत्मदाह
अमेठी के जामो थाना क्षेत्र की रहने वाली मां-बेटी जमीनी विवाद को लेकर कई दिनों तक पुलिस थाने का चक्कर लगाती रहीं। पुलिस की कार्यशैली से तंग और न्याय न मिलने से परेशान होकर दोनों राजधानी लखनऊ पहुंची। यहां लोक भवन के सामने 17 जुलाई को मां-बेटी ने खुद पर तेल डालकर आत्मदाह कर लिया। गंभीर रूप से झुलसी महिला साफिया की 22 जुलाई को उपचार के दौैरान मौत हो गई। जबकि मृतका की बेटी अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है। 

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3. गाजियाबाद में पत्रकार की गोली मारकर हत्या
भांजी से छेड़छाड़ करने वाले युवकों की पुलिस में शिकायत करने पर पत्रकार विक्रम जोशी को आरोपियों ने 21 जुलाई को गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल पत्रकार की अगले दिन उपचार के दौरान मौत हो गई। बदमाशों ने पत्रकार को उस समय गोली मारी जब वह अपनी दो बेटियों के साथ मोटरसाइकिल पर थे। गोली मारने की पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस ने आरोपी 9 लोगों को गिरफ्तार किया। 

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मामले की लीपापोती कर रही यूपी पुलिस!
इन तीन मामलों से यूपी की बदतर हो चुकी कानून व्यवस्था का बखूबी अंदाजा लगाया जा सकता है। यहां हम आपको बता दें कि ये वे मामले हैं जिन्हें मीडिया की कवरेज मिली है। प्रदेश के अधिकतर मामले तो गांव और थानों तक ही जैसे-तैसे दबा दिए जाते हैं। जनता की सेवा में हमेशा तत्पर रहने वाली यूपी पुलिस के बारे में तो सबको पता ही है। अधिकतर मामले में वह विवाद को खत्म करने की बजाय खुद संलिप्त रहती है। इस दौरान जब कोई बड़ी वारदात हो जाती है तो मामले को जांच के नाम पर लीपापोती करती रहती है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक उत्तर प्रदेश हर तरह के अपराध मामले में नंबर-1 पर है। वहीं न्याय की बात करें तो सिर्फ 6 प्रतिशत मामले में ही पीड़ितों न्याय मिला है बाकी सब कोर्ट-कचहरी में उलझे हुए हैं। 

विपक्षी पार्टियों ने कहा-यूपी में जंगलराज कायम
प्रदेश में आए दिन घटित हो रहे अपराध मामले में राजनीति भी गर्म है। सभी पार्टियां यूपी सरकार को कानून व्यवस्था के मामले में फेल बता रही हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग कर रही हैं। विपक्षी पार्टियों में सपा-बसपा-कांग्रेस समेत अन्य क्षेत्रिय पार्टियों ने तो यहां तक कह दिया कि यूपी में जंगलराज अपने चरम पर है। 

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Ajay kumar

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