वैवाहिक विवाद मामले में हाईकोर्ट का अहम फैसला, कहा- हिंदू विवाह के लिए कन्यादान अनिवार्य परंपरा नहीं
punjabkesari.in Monday, Apr 08, 2024 - 05:53 PM (IST)
लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक वैवाहिक विवाद के मामले में कहा है कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत हिंदू विवाह को संपन्न करने के लिए कन्यादान की रस्म अनिवार्य परंपरा नहीं है। न्यायालय ने कहा कि प्रावधानों के मुताबिक सिर्फ सप्तपदी ही ऐसी परंपरा है को हिन्दू विवाह को सम्पन्न करने के लिए आवश्यक है।
हिंदू विवाह अधिनियम के हवाले से हाईकोर्ट ने किया स्पष्ट
यह टिप्पणी न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने आशुतोष यादव की ओर से दाखिल एक आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर दिया है। याची की ओर से वैवाहिक विवाद के सम्बंध में चल रहे आपराधिक मामले में एक गवाह को पुनः समन की जाने की प्रार्थना की गई थी। विचारण अदालत ने याची की प्रार्थना को अस्वीकार कर दिया, इस पर उसने हाईकोर्ट की शरण ली।
सप्तपदी को ही अनिवार्य परंपरा माना गया
याची की ओर से दलील दी गई कि उसकी पत्नी का कन्यादान हुआ था अथवा नहीं, यह स्थापित करने के लिए अभियोजन के गवाहों जिसमें वादी भी शामिल है, पुनः समन किया जाना आवश्यक है। इस पर न्यायालय ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा-7 का उल्लेख किया जिसके तहत हिंदू विवाह के लिए सप्तपदी को ही अनिवार्य परंपरा माना गया है। न्यायालय ने कहा कि उक्त प्रावधान को देखते हुए, कन्यादान हुआ था अथवा नहीं, यह प्रश्न प्रासंगिक ही नहीं है, लिहाजा गवाहों को पुनः समन की कोई आवश्यकता नहीं है।