कश्मीरी पंडितों के हत्या पर बोले केरल के राज्यपाल, हत्या से बड़ा अपराध कोई हो ही नहीं सकता... ऐसी घटनाओं पर शर्म महसूस करता हूं
punjabkesari.in Tuesday, Oct 18, 2022 - 06:17 PM (IST)

बुलंदशहर: मंगलवार को यूपी दौरे पर आए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बुलंदशहर जिले के स्याना इलाके के बसी बांगर गांव में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद पत्रकारों के कश्मीरी पंडितों की हत्या के सवाल पर कहा कि हत्या से बड़ा अपराध कोई हो ही नहीं सकता। किसी भी मासूम की हत्या से बड़ा जघन्य अपराध कोई हो ही नहीं सकता और भारतीय होने के नाते उन्हें ऐसी घटनाओं पर शर्मिंदगी महसूस होती है।
संवैधानिक पद पर होने के कारण कुछ नहीं बोल सकता
जिले के स्याना इलाके के बसी बांगर गांव में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए आए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान आए थे। जम्मू-कश्मीर में हो रही हत्याओं पर पूर्ववर्ती राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के बयान के बारे में सवाल करने पर खान ने कहा कि वह अपने पद की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए किसी राजनीतिक विषय पर टिप्पणी नहीं करेंगे। गौरतलब है कि कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण की हत्या के बाद मीडिया से फारूक अब्दुल्ला ने कहा था, ‘‘ये बंद होने वाला नहीं है, जब तक इंसाफ नहीं मिल जाता है, ऐसा चलता रहेगा।
एक भी मासूम की हत्या से होती है शर्मिंदगी
घाटी में हो रही कशमीरी पंडितों की हत्या पर राज्सपाल खान ने कहा- एक भी हत्या हो किसी मासूम की हत्या हो इससे बड़ा जघन्य अपराध कोई हो ही नहीं सकता और वह भारतीय होने के नाते (इन घटनाओं को लेकर) शर्म महसूस करते हैं। उन्होंने कहा-अगर मेरे देश के एक भी व्यक्ति को अपना घर छोड़ना पड़े और शरणार्थी बनना पड़े तो (इसे लेकर) जितनी शर्म करें उतना कम है। हालांकि खान ने भविष्य में चीजें सुधरने की आशा जताते हुए कहा - लेकिन भरोसा दिलाने वाली बात यह है कि इस वक्त वहां (जम्मू-कश्मीर) का प्रशासन, इसे नियंत्रित करने की भरसक कोशिश कर रहा है।
बाबा साहब के बनाए कानून से महिलाओं की हालत बदली
देश में महिलाओं की स्थिति पर उन्होंने कहा कि महिलाओं की हालत बाबा साहब भीम राव आंबेडकर के बनाये गये कानून के जरिये बदली है। खान ने कहा कि यह सब जानते हैं कि बाबा साहब ने संविधान बनाया है लेकिन इस बारे में कम बात होती है कि भारत में महिलाओं की हालत जो बदली है। वह बाबा साहब के लाए गए कानून के जरिए हुआ है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में चेतना पैदा हुई है, पहले 12-13 वर्ष की बच्ची दरवाजे की चौखट पर पैर नहीं रख सकती थी, लेकिन पिछले कई साल से बसी गांव की 50 से ज्यादा लड़कियां शिक्षा लेने के लिए साइकिल चलाकर सात किलोमीटर दूर जाती हैं।