जानिए, किसने की थी राजनाथ के बड़ा नेता बनने की भविष्यवाणी

punjabkesari.in Wednesday, Jul 10, 2019 - 01:01 PM (IST)

लखनऊः ताकतवर नेताओं में शुमार और गृहमंत्री से रक्षामंत्री बनने वाले राजनाथ सिंह का आज 68वां जन्मदिन हैं। उनका कॉलेज के प्रोफेसर से लेकर देश के रक्षा मंत्री तक का सफर लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है। हमेशा से सफेद धोती और पूरी बांह का कुर्ता पहनने वाले राजनाथ सिंह की छवि साफ-सुथरे राजनेता और कुशल प्रशासक की रही है। आज उनके जीवन के अनछुए पहलुओं पर एक नजर डालेंगे।
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छोटे से ग्राम में हुआ राजनाथ सिंह का जन्म
राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई 1951 को उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिले के एक छोटे से ग्राम भाभोरा में हुआ था। सिर्फ 13 साल की उम्र में 1964 में वो आरएसएस के साथ जुड़ गए। कम लोगों को ही पता होगा कि राजनाथ ने गोरखपुर विश्‍वविद्यालय से भौतिकी विषय में प्रोस्‍ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है।
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प्रोफेसर रह चुके हैं राजनाथ सिंह
राजनाथ सियासत में कदम रखने से पहले मिर्जापुर के कालेज में प्रोफेसर रहे हैं, 1971 में केबी डिग्री कॉलेज में वह प्रोफेसर नियुक्‍त किए गए। 1974 में वो मिर्जापुर यूनिट के भारतीय जनसंघ के सेक्रेटरी बने। आपातकाल के दौरान वो जेल में भी रहे। उस दौरान के एक वाकये की अक्सर चर्चा होती है।
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जेल में बंद राजनाथ सिंह की बड़ा नेता बनने की हुई थी भविष्यवाणी
इमरजेंसी के दौरान कई महीनों तक जेल में बंद रहने वाले राजनाथ सिंह को 1975 में जन संघ ने मिर्जापुर जिले का अध्‍यक्ष बनाया। यूपी के सीएम रह चुके रामप्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह इमरजेंसी के दौरान एक ही जेल में बंद थे। रामप्रकाश गुप्ता ने यूं ही राजनाथ सिंह का हाथ देखना शुरू किया। राजनाथ सिंह उस वक्त जनसंघ से जुड़े हुए थे। रामप्रकाश गुप्ता भी जनसंघ में ही थे। राजनाथ सिंह की हथेलियों को गौर से देखते हुए रामप्रकाश गुप्ता ने कहा था कि बेटा एक दिन तुम बहुत बड़े नेता बनोगे। राजनाथ सिंह बोले- कितने बड़े गुप्ता जी। रामप्रकाश गुप्ता बोले- यूपी के सीएम जितने बड़े। राजनाथ सिंह हंसने लगे। उस वक्त उनकी उम्र महज 25 साल थी। बाद में ये बात सच निकली।
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1977 में वो पहली बार बने विधायक
1977 में वो पहली बार विधायक बने। 1991 में वो कल्याण सिंह की सरकार में शिक्षा मंत्री रहे। उस वक्त उत्तर प्रदेश में परीक्षाओं में जमकर नकल होती थी। शिक्षा मंत्री रहते हुए राजनाथ सिंह नकल रोकने के लिए नकल अध्यादेश 1992 के नाम से कानून लेकर आए। इस कानून की वजह से वो काफी चर्चित हुए। पूरी यूपी की परीक्षाओं में सख्ती बरती जाने लगी।
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यूपी के रह चुके हैं सीएम, अब मोदी सरकार में रक्षा मंत्री
इसके बाद वो 2000 से लेकर 2002 तक यूपी के सीएम भी बने। अटल-आडवाणी के दौर में राजनाथ सिंह बीजेपी के सबसे ताकतवर नेताओं में से एक रहे। राजनाथ सिंह 2005 से 2009 और 2013 से 2014 के बीच दो बार बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। 2014 की मोदी सरकार में उन्होंने गृहमंत्री का पद संभाला। इसके बाद प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा चुनकर आई मोदी सरकार में रक्षा मंत्री हैं।
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उनके बचपन का ये मजेदार किस्सा
राजनाथ सिंह ने एक बार अपने बचपन के बारे में मजेदार किस्सा बताया था। लखनऊ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अपने बचपन के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि जब वो प्राइमरी स्कूल में थे उनके स्कूल में एक मौलवी साहब पीटी ( शारीरिक शिक्षा ) टीचर हुआ करते थे। कोई भी स्टूडेंट्स जब पीटी के दौरान शरारत करता तो मौलवी साहब जोरदार थप्पड़ लगाते थे। कभी वो छड़ी से भी बच्चों को पीट दिया करते थे। मौलवी साहब की छड़ी का सबमें खौफ हुआ करता था।

राजनाथ सिंह ने बताया था कि यूपी का शिक्षा मंत्री बनने के बाद एक बार वो काफिले के साथ अपने घर जा रहे थे। उन्होंने देखा चंदौली के पास सड़क किनारे एक 90 साल का बुजुर्ग हाथों में फूल लिए खड़ा है। राजनाथ सिंह उन्हें तुरंत पहचान गए। ये वही मौलवी साहब थे। राजनाथ सिंह ने अपनी गाड़ी रुकवाई। मौलवी साहब ने बड़े प्यार से उनके गले में माला पहनाई और राजनाथ सिंह ने उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस भावुक पल में मौलवी साहब की आंखों से आंसुओं की धारा फूट पड़ी। राजनाथ सिंह खुद काफी इमोशनल हो गए।


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