श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवादः शाही ईदगाह हटाने को लेकर दर्ज हुआ पांचवा मामला

punjabkesari.in Saturday, Feb 20, 2021 - 10:25 AM (IST)

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा की एक अदालत ने कटरा केशवदेव मन्दिर की 13.37 एकड़ भूमि के एक भाग में बनी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने के संबंध एक और वाद दायर किया गया है। इसके साथ ही इस मामले में दायर होने वाले वादों की सख्या पांच हो गई है। सिविल जज सीनियर डिवीजन नेहा बनौदिया की अदालत में लखनऊ निवासी अधिवक्ता शैलेन्द्र सिंह, अंकित तिवारी, काका सिंह, वरूण कुमार मिश्रा एवं सूर्यकांत सिंह दीपक द्वारा दायर किये गए नये वाद में लगभग उन्ही मुद्दों को उठाया गया है जिनके संबंध में अन्य वाद दायर किये गए है।

बता दें कि इस नये वाद में कटरा केशवदेव मन्दिर की भूमि पर बनी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने एवं श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान एवं शाही मस्जिद ईदगाह के बीच 1967 में हुए समझौते को इस आधार पर रद्द करने की मांग की गई है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को यह समझौता करने का किसी रूप से अधिकार नहीं था। इसी अदालत में चल रहे हिन्दू आर्मी के मुखिया मनीष यादव द्वारा अधिवक्ता शैलेन्द्र सिह के माध्यम से कटरा केशवदेव मन्दिर की 13.37 एकड़ भूमि के एक भाग में बनी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने के संबंध में दायर किये गए वाद की स्वीकार्यता पर अब अदालत अपना फैसला शनिवार यानी 20 फरवरी को सुनाएगी। सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में ही आज अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह एवं चार अन्य द्वारा कटरा केशवदेव मन्दिर की 13.37 एकड़ भूमि के एक भाग में बनी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने के संबंध में दायर वाद की अगली सुनवाई अब 9 मार्च को होगी।

आज की सुनवाई में विद्वान न्यायाधीश ने अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र पर कोई निर्णय नही दिया। अधिवक्ता सिंह ने इस प्रार्थना पत्र में अदालत से अनुरोध किया था कि वह एक कमिश्नर शाही मस्जिद ईदगाह भेजे क्योंकि वहां पर मन्दिर के कुछ अवशेष मौजूद हैं। उधर इसी वाद में शाही मस्जिद ईदगाह के अधिवक्ता नीरज शर्मा ने सिंह द्वारा दायर किये गए कमिश्नर भेजने संबंधी प्रार्थना पत्र की प्रतिलिपि अदालत से दिलाने का अनुरोध किया था और कहा था कि वे देखेंगे कि यह मांग कहां तक उचित है। इसी वाद में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा की ओर से दिनेश शर्मा के 110 सीपीसी के अन्तर्गत पक्षकार बनने के प्रार्थना पत्र की प्रतिलिपि भी अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह के अनुरोध पर उन्हें दिलाई गई।

 


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Content Writer

Moulshree Tripathi

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