सद्दाम बना शिवशंकर: प्रेमिका से शादी करने के छोड़ दिया इस्लाम, इस तरह किया गया शुद्धिकरण
punjabkesari.in Monday, Jan 20, 2025 - 05:39 PM (IST)
बस्ती: अपने प्यार के खातिर मुस्लिम युवक सद्दाम ने सनातन धर्म अपना लिया अपना नाम बदल कर सद्दाम से शिव शंकर बन गया,अपनी प्रेमिका अनु सोनी से मंदिर में सात फेरे लेकर शादी कर ली। वहीं जब इस बात की जानकारी हिन्दू संगठनों को हुई तो उन्होंने सद्दाम से शिव शंकर बने युवक का स्वागत किया, गंगा जल से नहला कर शुद्धिकरण कर कर सनातन धर्म में शामिल कराया।
बस्ती जिले के नगर थाना क्षेत्र के नगर बाजार में प्यार की खातिर मुस्लिम युवक ने सनातन धर्म अपना लिया, सद्दाम बीते 10 सालों से अनु सोनी नाम की लड़की से प्यार करता था, दोनों साथ जीने मारने की कसमें खाई, लेकिन प्रेमी सद्दाम के घर वाले इस रिश्ते से राजी नहीं थे तो सद्दाम ने अपने प्यार को पाने के लिए इस्लाम धर्म को छोड़ कर सनातन धर्म अपना लिया और अपना नाम सद्दाम से बदल कर शिवशंकर रख लिया, दोनों ने मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली, दोनों ने साथ फेरे लेकर एक दूजे के हो गए।
शिवशंकर बनने पर हिन्दू संगठनों ने स्वागत किया
सद्दाम के शिवशंकर बनने पर हिन्दू संगठनों ने स्वागत किया, सद्दाम उर्फ शिव शंकर और उस की पत्नी अनु सोनी को कुआनो नदी के अमहट घाट पर बुला कर फूल माला पहना कर स्वागत किया गया। सद्दाम उर्फ शिव शंकर को गंगा जल से नहला कर पूजा पाठ कर शुद्धिकरण कर सनातन धर्म में शामिल किया गया। अमहट घाट पर बड़ी संख्या में हिंदू संगठन के लोग इकट्ठा हुए। सद्दाम से शिव शंकर बने और उस की पत्नी अनु सोनी का फूल माला पहना कर सनातन धर्म में स्वागत किया गया।
ये रही सद्दाम की लव स्टोरी
आप को बता दें सद्दाम और अनु की मुलाक़ात 10 साल पहले हुई थी। वे पहले दोस्त बने और फिर धीरे-धीरे उनका प्यार परवान चढ़ने लगा। अनु सोनी व सद्दाम दोनों एक साथ रहने जीने मारने की कसमे खाई, प्रेमिका अनु ने सद्दाम से शादी करने के लिए कहा और यह बात जब सद्दाम के घर वालों को पता चली तो शादी का विरोध करने लगे, फिर भी जब सद्दाम अपनी प्रेमिका अनु से शादी करने के लिए पीछे नहीं हटा तो घर वालों ने उसे बेदखल कर दिया। उस के बाद सद्दाम ने अपना प्यार पाने के लिए सनातन धर्म अपना लिया और अपनी प्रेमिका अनु सोनी के साथ मंदिर में सात फेरे लेकर हमेशा के लिए एक दूजे के हो गए।
वहीं प्रेमिका अनु सोनी का कहना है कि सद्दाम के घर वालों के विरोध के बाद भी सद्दाम ने हमेशा हमारा साथ दिया। हर मोड़ पर सुख दुख में हमारा साथ दिया, इस के घर वालों ने काफी विरोध किया, सद्दाम को मारे पीटे घर से भगाने की भी कोशिश की लेकिन सद्दाम ने हमें धोखा नहीं दिया, हमारा साथ दिया, सालों ने यह मेरे साथ मंदिर में जाता था, उस ने मेरे प्यार के लिए सनातन धर्म अपना लिया और मुझसे शादी कर ली, इनको घर से निकाल दिया गया है लेकिन आज भी यह हमारे साथ हैं।