चार बोतल बीयर लेकर आओ...सर्टिफिकेट के लिए लेखपाल की ऐसी डिमांड, घूसखोर का वीडियो वायरल

punjabkesari.in Monday, Oct 28, 2024 - 05:42 PM (IST)

Badaun News: यूपी में घूसखोर अधिकारियों के द्वारा घूस लेने की खबर तो आपने सुनी होगी लेकिन बदायूं जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना कैमरे में कैद हुई है। जिसे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे। दरअसल, एक लेखपाल द्वारा जाति प्रमाण पत्र बनाने के बदले आवेदक से बीयर की मांग की गई। लेखपाल ने पीड़ित ने आवेदन पर रिपोर्ट लगाने के नाम पर सुविधा शुल्क की जगह रिश्वत में शराब ली। लेखपाल ने बीयर की चार केन रिश्वत में मंगा लीं। इसके बाद रिपोर्ट लगा दी।  इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

पूरा मामला जिले के दातागंज तहसील का है, यहां के निवासी सौरभ सिंह, रेलवे का फार्म भरने के लिये जाति प्रमाण पत्र बनवाने को अपना आवेदन किया था। जाति प्रमाण पत्र पर रिपोर्ट लगाने के लिए पीड़ित लेखपाल के तीन से चक्कर लगा रहा था और लेखपाल तीन दिन से इधर-उधर चक्कर कटवा रहे थे। हर बार लेखपाल यादवेंद्र सुमन उसे टालते रहे। जब सौरव ने काम में हो रही देरी की वजह पूछी, तो लेखपाल ने प्रमाण पत्र पर रिपोर्ट लगाने के बदले चार बीयर की मांग कर डाली।

पैसे उधार लेकर बीयर का किया इंतजाम
लेखपाल से अपना काम कराने  के लिए सौरव ने उधार में पैसे लेकर बीयर का जुगाड़ किया।  26 अक्तूबर को बीयर देते ही लेखपाल ने रिपोर्ट लगा दी। पर इस घटना का एक वीडियो भी सौरव ने बना लिया, जिसमें वह लेखपाल के सामने बीयर की बोतलें रखता नजर आ रहा है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही तहसील प्रशासन हरकत में आया। लेकिन वीडियो के वायरल होते ही लेखपाल ने अपने बचाव में प्रमाण पत्र को पोर्टल पर निरस्त कर दिया, जिससे सौरव रेलवे में आवेदन नहीं कर सका। 

 

रिश्वत के बिना काम नहीं हुआ
इस घटना को लेकर पीड़ित युवक ने बताया कि उसने नौकरी पाने की उम्मीद में बार-बार लेखपाल से संपर्क किया, लेकिन रिश्वत के बिना काम नहीं हुआ। 27 अक्तूबर को रेलवे में आवेदन की अंतिम तिथि होने के कारण वह निराश होकर घर लौट आया। वहीं दातागंज एसडीएम धर्मेंद्र कुमार सिंह ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बयान जारी किया।

उन्होंने कहा, "27 अक्तूबर को वायरल हो रहे वीडियो में यादवेन्द्र सुमन, लेखपाल द्वारा छात्र से जाति प्रमाण पत्र पर रिपोर्ट लगाने के एवज में चार बीयर की कैन की मांग की गई। प्रथम दृष्टया लेखपाल दोषी प्रतीत होते हैं, इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। मामले की जांच आनंद भूषण, नायब तहसीलदार दातागंज को सौंपी गई है।"


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Imran

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