लिव-इन-रिलेशन इस देश के सामाजिक ताने-बाने की कीमत पर नहीं हो सकती: HC

punjabkesari.in Tuesday, Jul 04, 2023 - 05:51 PM (IST)

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लिव-इन पार्टनर की सुरक्षा की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि लिव-इन-रिलेशनशिप इस देश के सामाजिक ताने-बाने की कीमत पर नहीं हो सकती; पुलिस को उन्हें सुरक्षा देने का निर्देश अप्रत्यक्ष रूप से ऐसे अवैध संबंधों को हमारी सहमति दे सकता है। दरअसल, लिव- इन पार्टनर ने हाईकोर्ट से मांग की थी कि उसके पति उसके शांति पूर्ण जीवन में खतरे डालने का काम कर रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा ​​की गुहार लगाई थी। जस्टिस रेनू अग्रवाल की बेंच ने स्पष्ट किया कि कोर्ट लिव-इन रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं बल्कि अवैध संबंधों के खिलाफ है।

न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल की पीठ प्रतिवादी संख्या 4 के लिए याचिकाकर्ताओं के शांतिपूर्ण लिव-इन रिलेशनशिप जीवन के लिए पुलिस सुरक्षा प्रदान करने के लिए संबंधित पुलिस प्राधिकारी को निर्देश देने की प्रार्थना के साथ दायर याचिका पर विचार कर रही थी। इस मामले में, याचिकाकर्ता नंबर 1 एक बालिग लड़की है जिसकी उम्र लगभग 37 वर्ष है और उसकी जन्म तिथि 01.01.01986 है।

प्रतिवादी क्रमांक 4 याचिकाकर्ता क्रमांक 1 का पति है। याचिकाकर्ता नंबर 1 सुनीता ने याचिकाकर्ता नंबर 2 से शादी नहीं की है, लेकिन वह अपने पति यानी प्रतिवादी नंबर 4 के उदासीन और यातनापूर्ण व्यवहार के कारण 06.01.2015 से स्वेच्छा से उसके साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रही है। याचिकाकर्ता के वकील श्री ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि चूंकि वह स्वेच्छा से उसके साथ रह रही है, इसलिए प्रतिवादी नंबर 4 उनके शांतिपूर्ण जीवन को खतरे में डालने की कोशिश कर रहा है। अत: उनकी सुरक्षा की जा सकती है।​ ​आगे प्रस्तुत किया गया कि आज तक कोई शिकायत/एफ.आई.आर. याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किया गया है और न ही वे कार्रवाई के वर्तमान कारण सहित किसी भी मामले में वांछित हैं और उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।

हाईकोर्ट ने कहा कि यह न्यायालय पक्षों को इस तरह की अवैधता की अनुमति देना उचित नहीं मानता है क्योंकि कल याचिकाकर्ता यह बता सकते हैं कि हमने उनके अवैध संबंधों को पवित्र कर दिया है। लिव-इन-रिलेशनशिप इस देश के सामाजिक ताने-बाने की कीमत पर नहीं हो सकती। पुलिस को उन्हें सुरक्षा देने का निर्देश अप्रत्यक्ष रूप से ऐसे अवैध संबंधों को हमारी सहमति दे सकता है। यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
 

 ​


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramkesh

Related News

static