Loksabha Election 2024: एक नजर बुलंदशहर लोकसभा सीट पर, BJP की लगेगी हैट्रिक या हाथी और हाथ बदल देंगे बाजी ?

punjabkesari.in Sunday, Mar 31, 2024 - 06:01 PM (IST)

Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में बुलंदशहर सुरक्षित एक लोकसभा सीट है। राजधानी दिल्ली से सटी इस लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में चुनाव होना है। आजादी के बाद लंबे समय तक कांग्रेस के पास रही इस सीट पर साल 1991 से बीजेपी का कब्जा है। इस सीट से बीजेपी के सिंबल पर ही पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह भी चुनाव जीते थे। अगर इस सीट के इतिहास पर बात करें, तो  साल 1952 से 1971 तक यहां हुए पांच चुनाव में कांग्रेस का कब्जा रहा। लेकिन साल 1971 के बाद के चुनावों में मतदाताओं ने अलग-अलग पार्टियों को तवज्जो दी। आपातकाल के बाद साल 1977 और 1980 के चुनाव में जनता पार्टी ने जीत दर्ज की। दोनों बार जनता पार्टी से महमूद अली खां चुनाव जीते।
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लेकिन साल 1984 में राजीव गांधी की लहर में इस सीट को कांग्रेस ने फिर से जीत लिया। मगर साल 1989 में जनता दल ने इस सीट पर जीत दर्ज की। इस चुनाव के बाद से कांग्रेस का इस सीट पर लगातार ग्राफ गिरता चला गया। देश में उठी राम लहर के बाद साल 1991 में बीजेपी पहली बार इस सीट पर चुनाव जीती और साल 2004 तक यहां उसने अपना कब्जा लगातार बनाए रखा। इसके बाद इस सीट का परिसीमन बदल गया और साल 2009 में ये सीट एससी वर्ग के लिए आरक्षित हो गई। परिसीमन के बाद हुए पहले ही चुनाव में इस सीट पर सपा ने जीत दर्ज की।लेकिन बीजेपी के भोला सिंह ने साल 2014 और 2019 में इस सीट को बड़े अंतर से जीतकर बरकरार रखा है। अब तक हुए चुनाव में कांग्रेस ने छह बार इस सीट को जीता है। जबकि बीजेपी 7 बार यहां अपना सांसद बना चुकी है। 2 बार जनता पार्टी और एक-एक बार जनता दल और सपा का सांसद बना है।

आपको बता दें कि बुलंदशहर लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल पांच विधानसभा सीटें हैं। इनमें अनूपशहर, बुलंदशहर, डिबाई, शिकारपुर और स्याना शामिल है।
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साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में सभी पांच सीटें बीजेपी ने जीती हैं। मोदी-योगी की लहर में तमाम विपक्षी दल चुनाव में तिनके की तरह उड़ गए। लोकसभा क्षेत्र की एक भी विधानसभा सीट पर विपक्ष जीत दर्ज नहीं कर पाया। किसान आंदोलन के बावजूद भी सपा-आरएलडी का गठबंधन यहां कोई करिश्मा नहीं कर सका।

बुलंदशहर सीट पर कुल मतदाता
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लोकसभा चुनाव 2024 में बुलंदशहर सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 76 हजार 567 है। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 45 हजार 340 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 31 हजार 100 है। वहीं ट्रांसजेंडर वोटर 127 हैं। 

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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बुलंदशहर सुरक्षित लोकसभा सीट के साल 2019 के चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी के भोला सिंह ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। भोला सिंह ने बसपा के योगेश वर्मा को एक तरफा मुकाबले में करीब 2 लाख 90 हजार मतों के अंतर से हराया था। भोला सिंह को कुल 6 लाख 81 हजार 321 वोट मिले थे। जबकि बसपा के योगेश वर्मा को 3 लाख 91 हजार 262 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के बंसी सिंह थे। जिनको 29 हजार 465 वोट मिले थे।

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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बुलंदशहर सुरक्षित सीट पर साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी से भोला सिंह ने बसपा के प्रदीप कुमार जाटव को 4 लाख से अधिक वोटों के बड़े अंतर से हराया था। भोला सिंह को कुल 6 लाख 4 हजार 449 वोट मिले थे। जबकी बसपा के प्रदीप कुमार जाटव को 1 लाख 82 हजार 476 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर रहे सपा उम्मीदवार कमलेश वाल्मीकि को 1 लाख 28 हजार 737 वोट मिले थे।

एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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साल 2009 में बुलंदशहर सुरक्षित लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी के कमलेश वाल्मीकि ने जीत दर्ज की थी। कमलेश ने बीजेपी के दिग्गज नेता अशोक कुमार प्रधान को हराया था। सपा के कमलेश को 2 लाख 36 हजार 257 वोट मिले थे।जबकि बीजेपी के अशोक कुमार प्रधान को 1 लाख 70 हजार 192 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर रहे बसपा प्रत्याशी राज कुमार गौतम को 1 लाख 42 हजार 186 वोट मिले थे।

एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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अगर बात साल 2004 के लोकसभा चुनाव की करें, तो बुलंदशहर सीट से बीजेपी प्रत्याशी कल्याण सिंह ने जीत दर्ज की थी कल्याण सिंह ने आरएलडी प्रत्याशी बदरुल इस्लाम को नजदीकी मुकाबले में हराया था। कल्याण सिंह को कुल 2 लाख 58 हजार 184 वोट मिले थे। जबकि आरएलडी प्रत्याशी बदरूल इस्लाम को 2 लाख 41 हजार 633 वोट मिले। वहीं तीसरे नंबर पर रहे बसपा के देवेंद्र भारद्वाज को 1 लाख 19 हजार 104 वोट मिले थे।

बुलंदशहर सुरक्षित लोकसभा उत्तर प्रदेश की सीट नंबर-14 है।  मगर ये मुस्लिम, लोधा, दलित, जाट और ब्राह्मण बहुल सीट मानी जाती है। जबकि वैश्य, त्यागी, गुर्जर, राजपूत और अन्य ओबीसी मतदाताओं की भी इस सीट पर महत्वपूर्ण भूमिका है। ओबीसी के तहत आने वाली बिरादरी यहां निर्णायक हैं। आरक्षित होने के बाद हुए पिछले तीन चुनाव में एक बार सपा इस सीट पर जीती है, जबकि दो बार से बीजेपी का कब्जा है। भोला सिंह और बीजेपी के पास के इस बार यहां जीत की हैट्रिक लगाने का मौका है। इस सीट पर पिछले एक दशक से बीजेपी का सांसद है। फिर से भाजपा ने भोला सिंह पर ही दांव चला है जबकि कई बार यूपी में सरकार बनाने वाली बसपा का यहां लोकसभा में खाता नहीं खुल पाया है। हर बार प्रत्याशी बदलने वाली बसपा ने इस बार नगीना सुरक्षित सीट के अपने सांसद गिरीश चंद्र जाटव को चुनावी मैदान में उतारा है... इंडिया गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में शिवराम वाल्मीकि पर दांव खेला गया है।

 


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Content Editor

Imran

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