Loksabha Election 2024: एक नजर गोरखपुर लोकसभा सीट पर, कलाकार बनाम कलाकार की लड़ाई मगर योगी के गढ़ में टिक पाएगा विपक्ष ?

punjabkesari.in Wednesday, Apr 10, 2024 - 02:37 PM (IST)

उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में एक गोरखपुर लोकसभा सीट है... यूपी की राजनीति में इस सीट का अपना अलग ही इतिहास है... आजादी के बाद यहां पर कांग्रेस का डेढ़ दशक लगातार राज रहा था... हालांकि पिछले तीन दशक से इस सीट पर बीजेपी काबिज है... लेकिन साल 2018 के उपचुनाव में बीजेपी का तिलिस्म टूट गया था... उपचुनाव में यहां से सपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने बीजेपी को हराकर जीत हासिल की थी... इस हार से बीजेपी और सीएम योगी को गहरा झटका लगा था... लेकिन योगी आदित्यनाथ के इस गढ़ को बीजेपी ने अगले ही साल 2019 के आम चुनाव में वापस जीत लिया था... वैसे यह सीट कई मायनों में बेहद अहम है... यहां विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस, गुरु गोरखनाथ मंदिर, गीता वाटिका, टेराकोटा शिल्प मौजूद है... जिनको देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक पहुंचते हैं... वहीं यह क्षेत्र साहित्य, संगीत और शायरी से जुड़े मुंशी प्रेमचंद की कर्मस्थली, फिराक गोरखपुरी, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल की शहादत स्‍थली भी है... बता दें कि साल 1989 से लेकर 2017 तक गोरखनाथ मठ यहां की राजनीतिक धुरी बना हुआ था... इसी मठ के सदस्य यहां की लोकसभा का संसद में प्रतिनिधित्व करते रहे... अगर बात इस सीट के राजनैतिक इतिहास की करें, तो अब तक इस सीट पर दो उपचुनाव समेत 19 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं... यहां पर सबसे ज्यादा 8 बार बीजेपी ने चुनाव जीता है... जबकि छह बार कांग्रेस जीत दर्ज करने में कामयाब रही है... वहीं दो बार निर्दलीय और एक-एक बार हिंदू महासभा, जनता पार्टी और सपा ने जीत का स्वाद चखा है...

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बता दें कि पहली बार इस सीट पर साल 1952 के चुनाव में कांग्रेस के सिंहासन सिंह जीते थे... लेकिन साल 1957 में कांग्रेस के महादेव प्रसाद चुने गए थे... फिर साल 1962 के चुनाव में कांग्रेस से सिंहासन सिंह ही सांसद बने थे... सिंहासन सिंह ने इस जीत के साथ ही कांग्रेस की यहां पर हैट्रिक बनाई थी... लेकिन साल 1967 के चुनाव में महंत दिग्विजयनाथ ने इस सीट पर निर्दलीय चुनाव जीता था... लेकिन साल 1970 के उपचुनाव में महंत अवेद्यनाथ निर्दलीय ही सांसद बने थे... वहीं साल 1971 के चुनाव में कांग्रेस के नरसिंह नारायण पांडेय चुनाव जीते थे... साल 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के हरिकेश बहादुर यहां से सांसद चुने गए थे... जबकि साल 1980 के चुनाव में हरिकेश कांग्रेस में शामिल होकर चुनाव लड़े और दोबारा यहां से सांसद बने... साल 1984 के चुनाव में कांग्रेस के मदन पांडेय ने इस सीट पर चुनाव जीता था... साल 1989 के चुनाव में महंत अवेद्यनाथ हिंदू महासभा के टिकट पर यहां से चुनाव लड़कर दोबारा जीते थे... फिर साल 1991 और 1996 के चुनाव में अवेद्यनाथ ने बीजेपी के सिंबल पर लड़कर जीत की हैट्रिक लगाई थी... साल 1991 में अवेद्यनाथ ने ही बीजेपी का खाता इस सीट पर खोला था...

हालांकि इसके बाद साल 1998 के चुनाव में इस सीट पर योगी आदित्यनाथ ने एंट्री की थी... इस चुनाव में पहली बार योगी आदित्यनाथ इस सीट से सांसद चुने गए थे... योगी आदित्यनाथ ने साल 1998 से लेकर 2014 तक लगातार पांच चुनाव इस लोकसभा सीट पर जीते थे... वो महंत अवेद्यनाथ के दूसरे सांसद बने थे, जिन्होंने गोरखपुर सीट पर जीत की हैट्रिक लगाई थी... लेकिन साल 2017 में योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, तो इस सीट पर उपचुनाव हुआ था... इसमें सपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने बीजेपी प्रत्याशी को हराकर जीत दर्ज की थी... इसके बाद तीन दशक बाद यहां पर किसी दूसरे दल की जीत का झंडा लहराया था... लेकिन साल 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट फिर से जीत दर्ज की थी... भोजपुरी कलाकार रवि किशन शुक्ला यहां पर बीजेपी के सांसद चुने गए थे...

आपको बता दें कि गोरखपुर संसदीय सीट के तहत कुल पांच विधानसभा सीटें आती हैं... इनमें कैम्पियरगंज, पिपराइच, गोरखपुर नगरीय, गोरखपुर ग्रामीण और सहजनवां शामिल है...

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साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र की सभी पांच सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी... इससे पहले साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने यहां पर किसी दल का खाता नहीं खुलने दिया था... यह संसदीय क्षेत्र यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मजबूत गढ़ माना जाता है...

 

अगर बात मतदाताओं की करें, तो गोरखपुर सीट पर कुल 19 लाख 54 वोटर 081 वोटर हैं... जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 10 लाख 70 हजार 242  है... जबकि महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 83 हजार 677 है... वहीं ट्रांसजेंडर वोटरों की संख्या 162 है...

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गोरखपुर सीट पर साल 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी... बीजेपी के रवि किशन शुक्ला ने सपा के राम निषाद को तीन लाख वोटों के बड़े अंतर से हराया था... रवि किशन को कुल 7 लाख 17 हजार 122 वोट मिले थे... जबकि दूसरे नंबर पर रहे राम निषाद को 4 लाख 15 हजार 458 मत मिले थे... वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के मधुसूदन त्रिपाटी रहे थे... मधुसूदन को केवल 22 हजार 972 वोट पड़े थे...

 

आइए एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालते हैं...

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बता दें कि साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड बहुमत से सरकार बनी थी... मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था... जिसके बाद साल 2018 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ था... बीजेपी ने योगी के खास उपेंद्र दत्त को चुनावी मैदान में उतारा था... जबकि सपा ने प्रवीण निषाद को प्रत्याशी बनाया था... प्रवीण ने बीजेपी के उपेंद्र दत्त को करारी शिकस्त देकर बीजेपी के विजयी रथ को गोरखपुर में रोक दिया था... सपा के प्रवीण निषाद को उपचुनाव में कुल 4 लाख 56 हजार 513 वोट मिले थे... जबकि बीजेपी के उपेंद्र दत्त को कुल 4 लाख 34 हजार 625 वोट मिले थे... प्रवीण ने उपेंद्र को इस उपचुनाव में 21 हजार 881 वोटों के अंतर से हराया था... कांग्रेस की सुरहीता करीम 18 हजार 872 वोटर लेकर तीसरे नंबर पर रही थी...

 

आइए एक नजर 2018 लोकसभा उपचुनाव के नतीजों पर डालते हैं...

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अगर साल 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें, तो योगी आदित्यनाथ ने इस सीट पर पांचवी बार जीत दर्ज की थी... योगी को कुल 5 लाख 39 हजार 127 वोट मिले थे... जबकि दूसरे नंबर पर सपा के राजमति निषाद रहे थे... राजमति को कुल 2 लाख 26 हजार 344 वोट मिले थे... वहीं तीसरे नंबर पर बसपा के रामभुआल निषाद थे... रामभुआल को कुल 1 लाख 76 हजार 412 वोट मिले थे...

 

आइए एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालते हैं...

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बात साल 2009 के लोकसभा चुनाव की करें, तो गोरखपुर सीट पर बीजेपी के योगी आदित्यनाथ चुनाव जीते थे... योगी को कुल 4 लाख 3 हजार 156 वोट मिले थे... जबकि दूसरे नंबर पर बसपा के विनय शंकर तिवारी रहे थे... विनय शंकर को कुल 1 लाख 82 हजार 885 वोट मिले थे... वहीं तीसरे नंबर पर सपा के भोजपुरी गायक मनोज तिवारी थे... मनोज तिवारी को कुल 83 हजार 59 वोट मिले थे...

 

आइए एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालते हैं...

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बता दें कि साल 2004 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी के योगी आदित्यनाथ ही यहां से सांसद चुने गए थे... योगी को कुल 3 लाख 53 हजार 647 वोट मिले थे... जबकि दूसरे नंबर पर सपा के जमुना निषाद थे... जमुना निषाद को कुल 2 लाख 11 हजार 608 वोट मिले थे... वहीं तीसरे नंबर पर रहे बसपा के प्रदीप कुमार निषाद को कुल 70 हजार 449 वोट पड़े थे...

 

आइए एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालते हैं...

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गोरखपुर लोकसभा उत्तर प्रदेश की सीट नंबर- 64 है... आजादी के बाद डेढ़ दशक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा था... लेकिन फिलहाल तीन दशक से यहां पर बीजेपी काबिज है... मायावती की पार्टी बसपा का यहां पर अभी तक खाता नहीं खुल पाया है... इस सीट पर अब तक तीन बार जीत की हैट्रिक बनी है, जिनमें दो बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस ने लगाई है... इस सीट की खास बात ये है कि साल 1991 से 2019 तक बीजेपी यहां पर कोई आम चुनाव नहीं हारी है... पिछले आम चुनाव में यहां पर भोजपुरी कलाकार रवि किशन ने बीजेपी के सिंबल पर बड़ी जीत दर्ज कर पार्टी के इतिहास को बरकरार रखा था...गोरखपुर संसदीय क्षेत्र निषाद और ब्राह्मण बहुल है... जबकि ओबीसी, मुस्लिम, ठाकुर और दलित वर्ग के मतदाता भी यहां पर निर्णायक हैं... इस सीट पर पिछले चुनाव मोदी लहर में बीजेपी ने आसानी से जीता था... आम चुनाव 2024 की जंग में गोरखपुर सीट पर बीजेपी ने फिर से रवि किशन को ही अपना उम्मीदवार बनाया है... सपा-कांग्रेस गठबंधन इस बार काजल निषाद पर दांव खेला हैं... काजल निषाद भी भोजपुरी कलाकार हैं... जबकि बीजेपी के रवि किशन भी इसी क्षेत्र से आते हैं... जबकि बसपा ने यहां पर अभी हाथी का सिंबल किसी को नहीं दिया है... लेकिन बसपा के ब्राह्मण बिरादरी से प्रत्याशी उतारने की चर्चा है... जल्द ही बसपा भी यहां पर अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर सकती है... अगर इस सीट का इतिहास देखा जाए, तो यह सीट बीजेपी की सबसे सेफ सीटों में एक है... ऐसे में किसी भी दल के लिए बीजेपी को यहां पछाड़ पाना आसान नहीं है।


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Content Editor

Anil Kapoor

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