BSP सुप्रीमो मायावती बोलीं- ''सरकारी कर्मचारियों के RSS की शाखाओं में जाने पर लगा प्रतिबंध हटाना ठीक नहीं, मोदी सरकार तुरंत वापस ले निर्णय
punjabkesari.in Monday, Jul 22, 2024 - 01:00 PM (IST)
Lucknow News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को कहा कि सरकारी कर्मचारियों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाओं में जाने पर 58 वर्ष से जारी प्रतिबंध को हटाने का केंद्र का निर्णय देशहित से परे है। कांग्रेस ने पिछले सप्ताह जारी एक कथित आधिकारिक आदेश का हवाला देते हुए रविवार को दावा किया कि आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगा 'प्रतिबंध' हटा लिया गया है।
1. सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की शाखाओं में जाने पर 58 वर्ष से जारी प्रतिबंध को हटाने का केन्द्र का निर्णय देशहित से परे, राजनीति से प्रेरित संघ तुष्टीकरण का निर्णय, ताकि सरकारी नीतियों व इनके अहंकारी रवैयों आदि को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद दोनों के बीच तीव्र हुई तल्खी दूर हो।
— Mayawati (@Mayawati) July 22, 2024
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, कि सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की शाखाओं में जाने पर 58 वर्ष से जारी प्रतिबंध को हटाने का केन्द्र का निर्णय देशहित से परे और राजनीति से प्रेरित संघ तुष्टीकरण का निर्णय है ताकि सरकारी नीतियों व इनके (भाजपा सरकार) अहंकारी रवैयों आदि को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद दोनों के बीच तीव्र हुई तल्खी दूर हो।
2. सरकारी कर्मचारियों को संविधान व कानून के दायरे में रहकर निष्पक्षता के साथ जनहित व जनकल्याण में कार्य करना जरूरी होता है जबकि कई बार प्रतिबन्धित रहे आरएसएस की गतिविधियाँ काफी राजनीतिक ही नहीं बल्कि पार्टी विशेष के लिए चुनावी भी रही हैं। ऐसे में यह निर्णय अनुचित, तुरन्त वापस हो।
— Mayawati (@Mayawati) July 22, 2024
बसपा प्रमुख ने सिलसिलेवार पोस्ट में कहा कि सरकारी कर्मचारियों को संविधान व कानून के दायरे में रहकर निष्पक्षता के साथ जनहित व जनकल्याण में कार्य करना जरूरी होता है जबकि कई बार प्रतिबन्धित रहे आरएसएस की गतिविधियां राजनीतिक ही नहीं बल्कि पार्टी विशेष के लिए चुनावी भी रही हैं। मायावती ने इस निर्णय को अनुचित बताते हुए इसे तुरन्त वापस लेने की मांग की है। इससे पहले रविवार को, कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा 9 जुलाई को जारी एक कार्यालय ज्ञापन साझा किया, जो आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी से संबंधित है। उक्त आदेश में कहा गया है, ‘‘उपर्युक्त निर्देशों की समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के संबंधित कार्यालय ज्ञापनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए।
It took 11 years to do this? You mean first 10 years, he kept the ban going? https://t.co/Sau8R4KufM
— Ramesh Srivats (@rameshsrivats) July 21, 2024
आदेश की तस्वीर के साथ एक पोस्ट में रमेश ने कहा कि फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया। इसके बाद भी आरएसएस ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया। उन्होंने पोस्ट में कहा कि 1966 में आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही निर्णय भी था। यह 1966 में प्रतिबंध लगाने के लिए जारी किया गया आधिकारिक आदेश है। रमेश ने कहा कि 4 जून 2024 के बाद स्वयंभू नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और आरएसएस के बीच संबंधों में कड़वाहट आई है। 9 जुलाई 2024 को 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी लागू था।