Lucknow: स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ ने कहा- लोग अपने बच्चों के नाम वेदों, पुराणों, रामायण और महाभारत से चुनें

punjabkesari.in Tuesday, Jan 09, 2024 - 05:20 PM (IST)

Lucknow: अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले मंदिर ट्रस्ट के एक वरिष्ठ सदस्य ने लोगों से अपने बच्चों के लिए नाम हिंदू ग्रंथों से चुनने का आग्रह किया और उन्हें ‘संस्कृति की शिक्षा' देने का आह्वान किया है। ट्रस्ट के सदस्य स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ ने कहा कि मंदिर के निर्माण से भी बड़ा काम उसे संरक्षित करना है। उन्होंने कहा, "सदियों से हमने जो सपना देखा था, वह पूरा हो गया है। लेकिन यह नहीं मान लेना चाहिए कि हमारी जिम्मेदारियां खत्म हो गईं। हमारी सोच यह होनी चाहिए कि कितने वर्षों तक मंदिर उसी रूप में बना रहे और कोई उसे फिर नुकसान न पहुंचा सके।" उन्होंने बामियान में बुद्ध की मूर्तियों को नष्ट किए जाने का जिक्र करते हुए कहा, "जब तक हमारे बच्चे हिंदू बने रहेंगे और हिंदू बहुसंख्यक रहेंगे, तब तक मंदिर एक मंदिर के रूप में मौजूद रहेगा। देखिए अफगानिस्तान में क्या हुआ, जहां बुद्ध की मूर्तियों को नष्ट कर दिया गया।" 
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स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ ने यह भी कहा कि मंदिर बनाना कोई बड़ा काम नहीं है - बड़ा कर्तव्य इसे मंदिर के रूप में संरक्षित करना है। पेजावर मठ के संत ने कहा, "हम हमेशा के लिए जीवित नहीं रहने वाले हैं। हमें अपने बच्चों में हिंदू धर्म और सनातन धर्म के मूल्य डालने होंगे। अपने 'संतति' (बच्चों) को 'संस्कृति' की शिक्षा देकर ही हम इसे संरक्षित करने में सक्षम होंगे।" प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बारे में पूछे जाने पर स्वामी ने कहा, "सदियों का सपना अब पूरा हो गया है। यह एक कानूनी लड़ाई थी। उच्चतम न्यायालय ने हमारे पक्ष में फैसला दिया। जो लोग संविधान में विश्वास करते हैं और उच्चतम न्यायालय के प्रति सम्मान रखते हैं, उन्होंने इसे स्वीकार किया है।" विश्वप्रसन्ना तीर्थ ने यह भी कहा कि बच्चों के नाम वेदों, पुराणों, रामायण और महाभारत से चुने जाने चाहिए। 

 

उन्होंने कहा, इससे बच्चों को यह जानने में मदद मिलेगी कि वे किस संस्कृति से हैं। स्वामी ने कहा, "(लोगों के) नाम बदलने के लिए एक अभियान होना चाहिए। इसे सार्वजनिक रूप से मंदिरों में आयोजित किया जाना चाहिए। मतांतरण को रोका जाना चाहिए और बच्चों को संस्कृति की शिक्षा देने की शुरुआत होनी चाहिए।" रामानंद सागर के धारावाहिक "रामायण" में सीता की भूमिका निभाने वाली दीपिका चिखलिया द्वारा मंदिर में राम के साथ सीता की प्रतिमा स्थापित करने की अपील का जिक्र करने पर उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर में भगवान राम और देवी सीता होंगी। स्वामी ने आगे कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद 48-दिवसीय "मंडल पूजा" होगी जिसकी वह देखरेख करेंगे। अब की अयोध्या और उसके पुराने अवतार के बीच तुलना करते हुए स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ ने कहा "ऐसा लगता है कि अयोध्या ने खुद को 'कलयुग (आधुनिक युग)' से 'त्रेता युग (भगवान राम का युग)' में बदल दिया है।"


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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