लखनऊ के सरकारी अस्पताल में बड़ी लापरवाही: डिलीवरी के बाद महिला को चढ़ाया एक्सपायर ग्लूकोज, मुंह से निकला झाग
punjabkesari.in Tuesday, Oct 28, 2025 - 06:14 AM (IST)
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। काकोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में सिजेरियन डिलीवरी के बाद भर्ती एक महिला को एक्सपायरी ग्लूकोज चढ़ा दिया गया। कुछ ही देर में महिला की तबीयत बिगड़ गई, उसके मुंह से झाग निकलने लगे और सांसें तेज होने लगीं। घटना के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया और पुलिस को सूचना दी। आनन-फानन में महिला को क्वीन मेरी अस्पताल रेफर किया गया, जहां वह अभी भी गंभीर हालत में भर्ती है।
एक्सपायर ग्लूकोज से बिगड़ी हालत, परिजनों ने उठाए गंभीर सवाल
जानकारी के अनुसार, काकोरी निवासी 28 वर्षीय काजोल श्रीवास्तव ने शनिवार सुबह सीजेरियन ऑपरेशन के जरिए बच्चे को जन्म दिया था। ऑपरेशन सफल रहा और उन्हें सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन रविवार तड़के करीब चार बजे उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। परिजनों ने जब ग्लूकोज की बोतल चेक की, तो उसकी एक्सपायरी डेट निकल चुकी थी। काजोल के जेठ नीरज श्रीवास्तव ने बताया, “ग्लूकोज की बोतल देखकर हमारे होश उड़ गए। एक सरकारी अस्पताल में इतना बड़ा अपराध कैसे हो सकता है? हमने तुरंत वीडियो बनाकर सबूत सुरक्षित किया और मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है।”
अस्पताल में हड़कंप, तीन और मरीजों को भी दिया गया वही ग्लूकोज
परिजनों की चीख-पुकार सुनकर अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। मामले ने तब और तूल पकड़ा जब पता चला कि वार्ड में भर्ती तीन अन्य मरीजों को भी वही एक्सपायरी ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा था। लोगों ने सवाल उठाया कि आखिर अस्पताल में दवाओं की जांच और मॉनिटरिंग सिस्टम क्यों नहीं है? पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को शांत कराया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया।
सीएचसी प्रभारी ने माना दोष, जांच समिति गठित
सीएचसी प्रभारी डॉ. के.डी. मिश्रा ने लापरवाही स्वीकार करते हुए कहा, “एक प्रसूता को एक्सपायरी ग्लूकोज चढ़ाया गया, यह गंभीर गलती है। संबंधित स्टाफ के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है और सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संजय मिश्रा ने मामले को अत्यंत गंभीर मानते हुए दो सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। सीएमओ ने कहा कि “रिपोर्ट आने पर दोषी कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी और दवाओं की मॉनिटरिंग व्यवस्था को और सख्त किया जाएगा।”
स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल, मरीजों की सुरक्षा पर खतरा
यह घटना एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की लापरवाह व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। जहां मरीजों को इलाज के नाम पर खतरनाक एक्सपायरी दवाएं दी जा रही हैं। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि जिम्मेदार कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त सजा दी जाए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

