HC ने शिक्षक की जमानत अर्जी की खारिज, कहा- फर्जी माकर्शीट बनाने वाले शिक्षा पद्धति को नुकसान व सामाजिक ढांचे को कर रहे हैं पंगु
punjabkesari.in Friday, Jun 11, 2021 - 07:06 PM (IST)

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 11 वर्ष से फर्जी माकर्शीट के आधार पर प्राइमरी स्कूल में नौकरी कर रहे शिक्षक की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि फर्जी माकर्शीट बनाने वाले गिरोह सामाजिक ढांचे को पंगु बना रहे हैं और शिक्षा पद्धति के जड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
बता दें कि शिक्षक पर आरोप है कि वह आगरा विश्वविद्यालय से बीएड की फर्जी माकर्शीट के आधार पर नियुक्त हुआ और वर्ष 2009 से पढ़ा रहा था। फर्जी माकर्शीट को लेकर उसके खिलाफ थाना- अहमदगढ़, बुलंदशहर में भारतीय दंड संहिता की धारा 420,467,468,471 के तहत दर्ज कराया गया है। इस मुकदमे में याची ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अग्रिम जमानत की मांग की थी। याची के वकील का कहना था कि इस माकर्शीट को पाने में उसका कोई दोष नहीं है। उसे नहीं मालूम था कि उसकी माकर्शीट फर्जी है जबकि अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता विनोद कान्त का कहना था कि यूपी में बिचौलियों के माफर्त फर्जी माकर्शीट बनाने व देने का रैकेट चल रहा है। याची कई वर्षों तक फर्जी माकर्शीट का लाभ लेता रहा है। वह यह नहीं कह सकता कि उसे फर्जी माकर्शीट का ज्ञान नहीं था।
याची अध्यापक सुनील कुमार की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा कि याची अदालत में अपने को सरेन्डर करे और विवेचना में सहयोग करे। न्यायालय ने कहा कि फर्जी माकर्शीट बनाने वाले गिरोह में बिचौलियों, मास्टरमाइंड व लाभार्थियों की लंबी चेन है। इसकी जड़ों तक जाने के लिए जांच जरूरी है। ऐसे मामलों में जांच के लिए कस्टडी कभी-कभी जरूरी हो जाती है।