मौलाना शहाबुद्दीन बोले- रामचरितमानस की आलोचना से खुश होगा मुसलमान, ये गलतफहमी निकाल दें अखिलेश

punjabkesari.in Sunday, Jan 29, 2023 - 01:07 PM (IST)

लखनऊ: पिछले काफी समय से रामचरितमानस विवादों में है। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर तमाम हिन्दू संगठन, कई नेता और संतों के निशाने पर हैं। वहीं कई मुस्लिम नेताओं ने भी इस पर नाराजगी जताई है। इस कड़ी में दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि किताब रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य और बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा दिए गए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इन बयानों से भारत का मुसलमान इत्तफाक नहीं रखता है और किसी भी धर्म की धार्मिक किताबों पर टीका टिप्पणी या आलोचना को जायज नहीं मानता है।
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उन्होंने कहा कि कुरान शरीफ़ में कहा गया है कि किसी भी धार्मिक चीजों की आलोचना नहीं करना चाहिए, इस्लाम के अनुयाई इस बात पर मुकम्मल तरीके से अमल करते हैं। मौलाना ने कहा कि किताब रामचरितमानस करोड़ों लोगों की आस्था और अकीदत की किताब है इसकी आलोचना करना किसी भी तरह से दुरुस्त नहीं है, समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव अगर ये समझते हैं कि इस तरह के गलत और ऊल जलूल बयानों से उत्तर प्रदेश के मुसलमान खुश होंगे तो ये उनकी ग़लतफहमी है, उनको अपनी ग़लत फहमी दिमाग से निकाल देनी चाहिए।
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मौलाना ने पूछते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने अपने नेता को इस मजहबी किताब की तौहीन करने की इजाजत क्यों दी और अगर इजाजत नहीं दी है तो कल मुलाकात के दौरान दंडित क्यों नहीं किया? हम ये समझते हैं कि इस किताब की तौहीन कराने के पीछे अखिलेश यादव का हाथ है और अगर नहीं तो खुलकर सामने आए और स्वामी प्रसाद मौर्य से बयान वापिस कराए। उन्होंने कहा कि हमें अनदेशा है कि कहीं आगे चलकर भविष्य में इस्लाम की मुकद्दस किताब पर सपा के नेता टिप्पणी न करने लगे, अगर ऐसी कोई सूरतेहाल पैदा होती है तो अखिलेश यादव क्या करेंगे। हमारा अखिलेश यादव से मुतालबा है कि वो स्वामी प्रसाद मौर्य से बयान वापस दिलवाए और देश से माफी मांगे।


 


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Content Writer

TAHIR SIDDIQI

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