'वक्फ बिल का उद्देश्य अधिकार देना है, छीनना नहीं...', इस मुस्लिम मौलान ने किया Waqf Bill का समर्थन, मुसलमानों को दी ये नसीहत
punjabkesari.in Friday, Apr 04, 2025 - 04:31 PM (IST)

बरेली (जावेद खान) : आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल लोकसभा से पास होकर राज्यसभा से भी पास हो गया है, मैं भारत सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं और साथ ही देश के तमाम नागरिकों को मुबारकबाद पेश करता हूं।
मौलाना ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल से आम मुसलमानों का कोई नुकसान नहीं है बल्कि फायदा होगा, नुकसान उन वक्फ भू माफियाओं का होगा जिन लोगों ने करोड़ों की जमीनों पर कब्जा कर रखा है। इससे आम मुसलमानों को कोई नुकसान होने वाला नहीं है।
वक्फ जमीन से होने वाली आमदनी गरीब मुसलमानों के लिए फायदेमंद
मौलाना ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल गरीब व कमजोर मुसलमानों के हितों के लिए है, वक्फ जमीन से होने वाली आमदनी गरीब मुसलमानों की समाजिक और आर्थिक स्थिति को सुधारने में लगायी जायेगी। वो परिवार जो गरीब है और अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में नहीं पढा पा रहे हैं, ऐसे बच्चों की आर्थिक मदद करके पढ़ाई लिखाई में आगे बढ़ाया जायेगा। यतीम बच्चों और बेवा महिलाओं की तरक्की के लिए काम होंगे। इससे होने वाली आमदनी से स्कूल, कालेज, मदरसे और यतीमखाने खोले जायेंगे। जिससे गरीब मुसलमानों का शिक्षा के मैदान में पिछड़ा पन दूर होगा।
बिल से धार्मिक स्थलों को कोई खतरा नहीं
मौलाना बरेलवी ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल से धार्मिक स्थलों को कोई खतरा नहीं है। मस्जिदों, मदरसों, ईदगाहों, कब्रिस्तानों, दरगाहों को कोई खतरा नहीं है। इन धार्मिक स्थलों की स्थिति जैसी है वैसी ही रहेगी। इन धार्मिक स्थलों में हुकूमत कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर सकती। मुसलमानों को कुछ राजनीतिक लोग अपने स्वार्थों का लाभ लेने के लिए गुमराह कर रहे हैं। मैं मुसलमानों से अपील करता हूं, इन राजनीतिक लोगों के बहकावे और उकसावे में न आयें।
CAA कानून में किसी मुसलमान की नागरिकता नहीं छीनी गई
मौलाना ने आगे कहा कि गत वर्षों में जब CAA कानून आने वाला था तब राजनीति लोगों ने मुसलमानों को खूब गुमराह किया, और यहां तक डराया कि आगर CAA कानून लागू हो गया तो मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जायेगी, जबकि हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं था, और उन सालों में कानून के लागू होने के बाद तमाम चीजें स्पष्ट हो गयी कि पूरे भारत में किसी भी एक मुसलमान की नागरिकता नहीं छीनी गयी, बल्कि नागरिकता प्रदान की गयी है।