BJP, कांग्रेस और सपा पर भड़कीं मायावती, कहा- राजनीतिक स्‍वार्थ में संतों के धर्म स्‍थल पर जा रहे ये नेता

punjabkesari.in Saturday, Feb 27, 2021 - 07:00 PM (IST)

लखनऊ:  संत रविदास की जयंती पर शनिवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर उनकी जन्‍मस्‍थली सीरगोवर्धन (वाराणसी) तक राजनीतिक गहमागहमी बनी रही।कांग्रेस और सपा के नेताओं ने जहां संत रविदास के दिखाये मार्ग पर चलने और उनके विचारों को आत्‍मसात करने की बात कही, वहीं बहुजन समाज पार्टी की अध्‍यक्ष मायावती ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा।

बसपा अध्‍यक्ष और यूपी  की पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर राजनीतिक स्‍वार्थ में संतों के धर्मस्‍थल पर जाने का आरोप लगाया जबकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि सच्‍चा धर्म सरल होता है और उसमें कोई राजनीति नहीं होती है। मायावती ने कहा कि दलितों, आदिवासियों और अन्‍य पिछड़े वर्ग के लोगों को इनसे सावधान रहने की जरूरत है।

वहीं कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सीर गोवर्द्धन जाकर संत रविदास को श्रद्धांजलि अर्पित की, जबकि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने राजधानी के संत रविदास मंदिर में पहुँचकर श्रद्धासुमन अर्पित किये।

प्रदेश की पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने ट्वीट के जरिये संत रविदास को नमन किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों की बड़ी आबादी है और दलित समाज में पैदा हुए संत रविदास की बड़ी मान्‍यता है। प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि इस समय पंचायत चुनाव की तैयारी प्रदेश भर में शुरू हो गई है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव को देखते हुए राजनीतिक दलों में प्रदेश की करीब 21 प्रतिशत दलित आबादी को साधने की होड़ मच गई है।

बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय के आचार्य और सामाजिक चिंतक प्रोफेसर सदानंद शाही ने कहा, ''रैदास जैसे संत के पास कोई जा सकता है लेकिन वह वहां से ला क्‍या रहा है, यह महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि रैदास ने कहा है कि जब तक जाति नहीं छूटेगी तब तक ईश्‍वर से भेंट नहीं होगी।'' शाही ने कहा, ''राजनीति का दुर्भाग्‍य यह है कि कोई राजनीतिक विचारक नहीं रह गया है और एजेंडे में सिर्फ जीत-हार और चुनाव रह गया है।''




 


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Content Writer

Moulshree Tripathi

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