मायावती का केन्द्र सरकार पर निशाना, कहा-  देश की करीब 100 करोड़ आबादी आज भी रोजी-रोजगार के अभाव में सरकारी अनाज पर निर्भर

punjabkesari.in Thursday, Jan 26, 2023 - 03:08 PM (IST)

लखनऊः केन्द्र सरकार (central government) के विकास और गरीबी उन्मूलन के दावे पर सवाल खड़े करते हुए बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने गुरुवार को कहा कि देश की करीब 100 करोड़ आबादी आज भी रोजी-रोजगार के अभाव में सरकारी अनाज पर निर्भर है, जो साबित करता है कि लोगों की आर्थिक हालत बेहतर होने के बजाय बिगड़ी है।

PunjabKesari

बता दें कि गणतंत्र दिवस (Republic day) पर बधाई देते हुए मायावती ने कहा कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) के मानवतावादी संविधान (Constitution) की जनहित, जनकल्याणकारी व समतामूलक मंशा के अनुरूप देश विकास करें।

यह भी पढ़ेंः AMU में धूमधाम से मनाया गया गणतंत्र दिवस, VC बोले- अप्रैल में G20 की बैठक की अगवानी करेगा विश्वविद्यालय

इसके लिए सतत प्रयास व अनवरत संघर्ष हर हाल में जारी रहेगा, मगर जरूरी है कि केंद्र व राज्य सरकार इस मौके पर पूरी ईमानदारी से स्वयं का आकलन कर ज़रूर बताए कि उन्होंने पिछले एक वर्ष के दौरान किए गए अपने वादों व संकल्पों को कितना निभाया है।

PunjabKesari

जनता व सरकार के बीच बढ़ती जा रही है विश्वास की कमी- मायावती
मायावती ने कहा कि जनहित व विकास के सरकारी दावों और जमीनी हकीकत में काफी अन्तर होने से जनता व सरकार के बीच विश्वास की कमी बढ़ती ही जा रही है। पहले यह हाल कांग्रेस की सरकार में था जो अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार में भी जारी है।

यह भी पढ़ेंः VIDEO: 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कैबिनेट मंत्री ने किया ध्वजारोहण, Swami Prasad Maurya के बयान को बताया बचकाना

देश के लगभग 100 करोड़ लोगों को सम्मानजनक रोजी-रोजगार के अभाव में सरकारी अनाज पर ही निर्भर हो जाना, यह साबित करता है कि देश के लोगों की आर्थिक हालत बेहतर होने के बजाय बिगड़ी है तथा विकास का सरकारी दावा ज्यादातर हवा-हवाई व छलावा है। ऐसे में देश कैसे प्रगति करेगा।

PunjabKesari

देश गरीबी, महंगाई व बेरोजगारी से तंग है- मायावती
पूर्व मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का देश की आम जनता के जीवन पर क्या कोई असर पड़ रहा है। क्या देश की पूंजी में विकास हो रहा है, क्या लोगों की क्रय शक्ति बढ़ रही है, क्या लोगों के पास अपना जीवन सही से व्यतीत करने के लिए अपनी कमाई बढ़ी है या घटी है। दूसरी ओर, सरकार जनता से कदम-कदम पर महंगी जीएसटी कर वसूल करके रिकार्ड जीएसटी टैक्स बटोरने को ही अपनी सफलता मान कर चल रही है, जबकि कुछ मुट्ठी भर लोगों को छोड़कर देश गरीबी, महंगाई व बेरोजगारी से त्रस्त है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Pooja Gill

Recommended News

Related News

static