'चुनाव में अब बहुत सोच-समझकर मुसलमानों को मौका देगी BSP', चुनाव नतीजों के बाद बोलीं मायावती
punjabkesari.in Wednesday, Jun 05, 2024 - 11:30 AM (IST)
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती की पार्टी मंगलवार को घोषित लोकसभा चुनाव के परिणाम में खाता भी नहीं खोल सकी। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उसे एक भी सीट नहीं मिली थी। मायावती ने बुधवार को एक विस्तृत बयान जारी कर चुनाव नतीजे पर प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव परिणाम का हर स्तर पर गहन विश्लेषण करेगी और दल तथा उसके अभियान के हित में जो भी जरूरी होगा, उसे लेकर ठोस कदम उठाएगी। उन्होंने पार्टी का समर्थन करने के लिए दलित वर्ग में, खासकर जाटव समाज का आभार प्रकट किया मगर मुस्लिम समाज के प्रति नाराजगी भी जाहिर की। उन्होंने कहा कि विभिन्न चुनावों में उचित प्रतिनिधित्व देने के बावजूद मुस्लिम समाज बसपा को ठीक से नहीं समझ पा रहा है, लिहाजा पार्टी भविष्य में होने वाले चुनावों में बहुत सोच समझ कर ही मुसलमानों को मौका देगी।
05-06-2024-BSP PRESS NOTE- LOK SABHA POLL RESULT REACTION pic.twitter.com/iUYELFPnCM
— Mayawati (@Mayawati) June 5, 2024
'भविष्य में इस बार का तरह नुकसान ना हो इसलिए मुस्लिम समाज को सोच-समझकर मौका दिया जाएगा'
मायावती ने कहा, "बहुजन समाज पार्टी का खास अंग मुस्लिम समाज जो पिछले कई चुनावों में व इस बार भी लोकसभा चुनाव में उचित प्रतिनिधित्व देने के बावजूद बसपा को ठीक से नहीं समझ पा रहा है तो अब ऐसी स्थिति में आगे इनको काफी सोच समझ के ही चुनाव में पार्टी द्वारा मौका दिया जाएगा ताकि पार्टी को भविष्य में इस बार का तरह नुकसान ना हो।"
बसपा ने 35 मुस्लिम उम्मीदवारों को दी थी टिकट
गौरतलब है कि इस साल लोकसभा चुनाव में बसपा ने सबसे ज्यादा 35 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिए थे। लोकसभा चुनाव के मंगलवार को घोषित नतीजे में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) ने सबसे ज्यादा 37 सीटें जीतीं। उसकी गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को भी छह सीटें मिलीं। मुस्लिम समाज परंपरागत रूप से सपा का मतदाता माना जाता है और माना जा रहा है कि इस बार भी मुस्लिम समाज का ज्यादातर वोट सपा और कांग्रेस को ही मिला है।
लोकसभा चुनाव गर्मी में कराए जाने पर भी बोलीं मायावती
मायावती ने कहा, "लोकसभा चुनाव का जो भी व जैसा भी नतीजा आया है वह लोगों के सामने है, और उन्हें ही अब देश के लोकतंत्र, संविधान व देशहित आदि के बारे में सोचना और फैसला करना है कि यह जो चुनाव परिणाम आया है उसका आगे उन सबके जीवन पर क्या असर पड़ने वाला है तथा उनका अपना भविष्य कितना शान्त, समृद्ध व सुरक्षित रह पाएगा?" मायावती ने लोकसभा चुनाव भीषण गर्मी में कराए जाने पर भी ऐतराज जताते हुए कहा कि उनकी पार्टी शुरू से ही चुनाव आयोग से मांग करती रही है कि चुनाव बहुत लंबा नहीं खींचना चाहिए और आम लोगों के साथ-साथ चुनाव ड्यूटी में लगाए जाने वाले लाखों सरकारी कर्मचारी के हितों को ध्यान में रखते हुए चुनाव ज्यादा से ज्यादा तीन या चार चरणों में ही कराए जाने चाहिए।