नाबालिग ने दिखाई साहस: 9 साल तक लड़ा केस, अब कोर्ट ने बिजली विभाग पर ठोका 20 लाख का जुर्माना

punjabkesari.in Friday, Feb 07, 2025 - 02:57 PM (IST)

रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में बिजली विभाग की लापरवाही से दोनों हाथ गंवाने वाले नाबालिग को 9 साल बाद न्याय मिला है। दरअसल, कोर्ट ने बिजली विभाग पर 20 लाख का जुर्माना लगाया है, साथ ही कोर्ट ने विभाग को ये भी आदेश दिया है कि वह पीड़ित के खाते में 6 प्रतिशत ब्याज के साथ दो महीने के अन्दर पीड़ित को धनराशि जमा कराए।

जानिए पूरा मामला
 दरअसल, नौ साल पहले सात साल के चंदन नाम के नाबालिग का एक हादसे में बिजली का करंट से दोनों हाथ झुलस गया था। पीड़िता को इलाज के दिल्ली में भर्ती कराया गया था जहां पर डॉक्टरों ने उसके दोनों हाथ को काट दिया। काफी इलाज के बाद पीड़ित ठीक हुआ लेकिन उसे दोनो हाथ इस हादसे में गंवाने पड़े थे।

बिजली विभाग के खिलाफ दर्ज कराया था केस
पीड़ित के पीड़ित के अधिवक्ता पंकज जैन के अनुसार, नौ साल पहले सात साल के चंदन ने न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और अधिशासी अभियंता को प्रतिवादी बनाया था। उसका कहना था कि उनके मकान के छज्जे से मात्र आठ से 10 इंच की दूरी पर 33 केवी लाइन गुजर रही थी। लाइन के बीच में न तो गार्डिंग की व्यवस्था की गई और न ही बीच में पोल लगाकर तारों को कसा गया था। संभावित खतरे को भांपकर उनके पिता व अन्य मुहल्लेवासियों ने 28 जुलाई 2015 को लाइन हटवाने के लिए अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिए। लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों ने किसी प्रकार की रुचि नहीं दिखाई जिसके बाद ये बड़ा हादसा हो गया था।

जानिए कैसे घटी थी घटना
पीड़िता के अधिवक्ता ने बताया 14 दिसंबर 2015 की दोपहर वह छत पर बैठकर पढ़ाई कर रहा था। बाहर से किसी के आवाज देने पर वह छत से नीचे की ओर झांककर देखने लगा। इस दौरान बिजली का तार ढीला होने के कारण हवा के झोंके से छज्जे पर लगी लोहे की ग्रिल से छू गया। ग्रिल पर करंट उतर आया, जिससे उसके दोनों हाथ झुलस गए थे। दिल्ली तक इलाज कराया गया। वहां डॉक्टरों द्वारा दोनों हाथ काट दिए गए।

50 लाख रुपये मुआवजे की डिमांड 
अधिवक्ता पंकज जैन ने बताया कि हमने 63 लाख रुपये जुर्माना दिलाए जाने का अनुरोध किया था। ऐसे कुछ केस उदाहरण के लिए न्यायालय में पेश किए थे, जिसमें पीड़ित को 50 लाख तक की क्षतिपूर्ति दिए जाने के आदेश हुए हैं। हालांकि, न्यायालय ने 20 लाख की क्षतिपूर्ति के आदेश दिए हैं। इस आदेश को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे। कम से कम 50 लाख रुपये मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।


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Content Writer

Ramkesh

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