नेपाल सीमा पर बने 300 से अधिक नए मदरसे संदिग्ध, ISIS से जुड़े होने की आशंका

punjabkesari.in Friday, Jan 01, 2021 - 08:49 PM (IST)

गोरखपुर: भारत नेपाल सीमा पर पिछले कुछ सालों में बने मस्जिद और मदरसा खतरे का सबब बने हुए हैं । गोरखपुर में 396 किलोमीटर का बॉर्डर खुला हुआ है जो नेपाल से लगता है। खुली सीमा होने से निर्वाह आवागमन की व्यवस्था है इसके साथ-साथ बॉर्डर के 10 किलोमीटर के दायरे में पिछले दिनों में काफी इस तरह के एक्टिविटीज देखे गए जो संदेहास्पद माना जाएगा। इन जिलों में नव धनाढ्य लोगो की संख्या बढ़ गई है, जबकि इनके पास इनकम के कोई स्रोत नही देखने को मिले। एडीजी ने कहा कि इन इलाकों में पिछले दिनों में बहुत सारे मदरसे और मस्जिद यहां पर खुल गए हैं जिसे स्थानीय लोगों के सपोर्ट से बन पाना नामुमकिन लगता है। वहां पढऩे के लिए ना तो छात्र हैं और ना ही स्थानीय लोगों के पास इतनी कॅप्सिटी है जो संचय और दान देकर के मदरसों मस्जिदों को बनवाने की क्षमता रखते हैं।

एडीजी ने माना कि नेपाल के बॉर्डर पर पहले भी सिमी की एक्टिविटी होती रहती थी और अब नेपाल में भी इस्लामिक संघ नेपाल संस्था है जो भारतीय सीमा पर काफी सक्रिय है। इनकी कई ऐसी गतिविधियां पाई गई है जो हमारे देश के लिए हितकारी नहीं है। इन सबों की जाँच करने के लिए एक व्यापक जांच और स्थलीय निरीक्षण कराई जा रही है। छोटे जिलों में 50-60 से अधिक और बड़े जिलों में 300 से 400 से अधिक मस्जिद और मदरसे मिले हैं। हमने कई चीज पता लगाया है कि यह कौन चलाता है, किस संस्था संगठन द्वारा संचालित है, इसके मुखिया कौन है और यहां पर क्या काम होता है।

मदरसे का मतलब होता है जहां बच्चों के पढ़ाई लिखाई हो: एडीजी
एडीजी ने कहा कि सामान्यत: एक मदरसे का मतलब होता है जहां बच्चों के पढ़ाई लिखाई होती है लेकिन यहां पर क्या इसके साथ कुछ और भी होता है इसकी जांच और सर्वे हमने कराया है। कई बार ऐसी सूचना आती है कि वह संदिग्ध है और देश विरोधी गतिविधियों में लगा है। कई बार ऐसा पता लगता है कि मस्जिद और मदरसे में आने वाले पाकिस्तानी खुफिया संस्था या दूसरे देशों के प्रतिबंधित संस्थाओं से जुड़े हैं। यहां पर ऐसे लोगों की आवाजाही को हम लोग ट्रेस कर रहे हैं।

तस्करी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं
एडीजी ने कहा कि हमारा मुख्य मकसद यह है कि हम अपने बॉर्डर एरिया को सुरक्षित बनाएं इसका गलत इस्तेमाल ऐसे तत्वों द्वारा संभव ना हो पाए जो कि तस्करी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। टेरर फंडिंग के सवाल पर एडीजी दावा शेरपा ने कहा कि पहले बाहरी देशों से इन मस्जिद और मदरसों को डायरेक्ट विदेशी मुद्रा की फंडिंग हो जाती थी अब वो पैसा कहां और कैसे इस्तेमाल हुआ, इसके बारे में पता लगा पाना थोड़ा मुश्किल काम है क्योंकि उनके अकाउंट ईतने पारदर्शी नहीं होते हैं। फेमा एक्ट की वजह से सीधे तौर पर विदेशी करेंसी उनको नहीं मिल पा रही है लेकिन हमें सूचना मिल रही है कि इन मदरसों के लिए नेपाल के जो इस्लामिक संगठन है या नेपाल के जो मस्जिद हैं वहां से नकद में पैसे भेजे जाते हैं। इसमें कई तरह के पैसे आते हैं तभी इतने बड़े भवन बने हैं। अब इसमें  छांटना पड़ेगा कि कौन वैध पैसा है, और कौन अवैध या टेरर फंडिंग का पैसा है।

आईएसआईएस या लश्कर से जुड़े होने की आशंका 
आईएसआईएस या लश्कर से जुड़ाव पर एडीजी ने कहा कि बहराइच और आसपास के जिलों में दो-तीन इस्लामिक संगठनों से इनके जुड़ाव की खबरें तो आ रही है लेकिन भारत नेपाल के सीमा पर सिमी के जो लोग भारत में प्रतिबंधित होने के बाद नेपाल भागे हैं वह नेपाल में शरण लिए हुए हैं। यह लोग नेपाल के दूसरे इस्लामिक संगठनों से जुड़कर अपनी गतिविधियां चला रहे हैं। फिलहाल इनका आना जाना है इधर मुश्किल है इसलिए वह इस कोशिश में है कि भारत में अपना नेटवर्क बनाए और अपना टास्क भारत में संचालित करें।

कॉमन सेंस की बात है कि जेएंडके बच्चे इतना दूर पढऩे क्यों आएंग
एडीजी ने कहा कि पिछले 15 से 20 साल में हर जिले में 200 से 300 मस्जिद और मदद से नए बने हुए हैं कई ऐसे मदरसे हैं जहां पर छात्र ही नहीं है। कई ऐसे मदरसे हैं जहां पर कहां-कहां से लोग आए हैं पता ही नहीं है। कश्मीर तक के बच्चे यहां पर आकर के पढ़ते हैं। अब कश्मीर से यहां के बीच में तो तमाम मदरसे होंगे, तो उनका यहां पर आना संदिग्ध लगता है। यह कॉमन सेंस की बात है कि जेएंडके बच्चे इतना दूर पढऩे क्यों आएंगे। यह संदेह के दायरे में इसलिए आ रहे हैं।

एडीजी ने कहा कि एसएसबी और स्थानीय पुलिस के साथ हमारी खुफिया विभाग लगातार काम कर रही है और इस तरह की गतिविधियों को रोकने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। मदरसों में हथियारों के लाने और भंडारण के सवाल पर एडीजी ने कहा कि यहां पर अभी इस तरह का कोई प्रकरण सामने नहीं आया है। पिछले दिनों में बलरामपुर में  एक व्यक्ति जरूर पकड़ा गया था जो बम बनाने का सामान के साथ पकड़ा गया था लेकिन ज्यादातर हथियार आदि अभी तक भंडारण या लाने ले जाने की सूचना नहीं मिली है। इनका कहना है कि इसके लिए हम सतर्क हैं और इसके लिए लगातार चेकिंग कर रहे हैं ताकि इस तरह का सामान यहां ना आ पाए।


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Ramkesh

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