मां-बेटी के आत्मदाह की कोशिश का मामला-एनएचआरसी ने UP सरकार, DGP को नोटिस भेजा
punjabkesari.in Friday, Jul 24, 2020 - 08:32 PM (IST)

नयी दिल्ली/लखनऊ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उत्तर प्रदेश में एक मामले में अधिकारियों के कथित तौर पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर लखनऊ में मां-बेटी के आत्मदाह करने की कोशिश किये जाने की खबरों को लेकर प्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजा है। आयोग ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि उसने पाया कि पीड़ितों ने जो कदम उठाया उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन यह च्च्अधिकारियों के लापरवाह रवैये की ओर संकेत करता है, जो पीड़िता द्वारा एक शिकायत दर्ज कराये जाने पर च्च्समय पर कार्रवाई करने में नाकाम रहे नजर आते हैं।
एनएचआरसी ने एक बयान में कहा, च्च्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मीडिया में आई खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी किये हैं। खबरों में बताया गया था कि अमेठी की रहने वाली मां-बेटी ने यौन उत्पीडऩ की उनकी शिकायत पर अधिकारियों के कथित तौर पर र्कारवाई नहीं करने को लेकर17 जुलाई को लखनऊ में लोक भवन के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की।
आयोग ने कहा कि इस घटना में कथित तौर पर 90 प्रतिशत झुलस चुकी महिला की मौत हो गई, जबकि 15 प्रतिशत झुलस चुकी उसकी बेटी का अस्पताल में इलाज चल रहा है। बयान में कहा गया है कि आयोग ने एक विस्तृत रिपोर्ट मांगते हुए जवाब सौंपने के लिये चार सप्ताह का वक्त दिया है। रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया जाए कि दोषी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई और पीड़िता द्वारा कथित तौर पर दर्ज कराई गई शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई है। इसमें कहा गया है कि रिपोर्ट में घायल महिला को मुहैया किये जा रहे उपचार, उसके स्वास्थ्य की स्थिति और अधिकारियों द्वारा घायल महिला एवं पीड़ित परिवार को दी गई किसी राहत का अवश्य ही जिक्र किया जाए।
आयोग ने कहा, च्च्यह मानवाधिकार हनन का एक गंभीर मुद्दा है। यदि समय पर कार्रवाई शुरू की जाती तो महिलाएं यह कठोर कदम उठाने को मजबूर नहीं हुई होतीं। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पीड़िता के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मियों और सिविल हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने उस वक्त बदसलूकी की, जब मृतक महिला का बेटा अस्पताल गया था। बयान में कहा गया है कि इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।