15 दिन के मासूम को मां ने फ्रिज में रखा, परिवार समझता रहा भूत-प्रेत; डॉक्टर ने बताया दिमागी बीमारी का डराने वाला सच

punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 07:57 AM (IST)

Moradabad News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मां ने अपने सिर्फ 15 दिन के बच्चे को फ्रिज में रख दिया। यह घटना बीते सोमवार को कटघर थाना क्षेत्र की जब्बार कॉलोनी करुला की है। परिवार के लोगों ने बताया कि महिला ने अपने नवजात बच्चे को फ्रिज में लिटा दिया और खुद सोने चली गई। थोड़ी देर बाद जब बच्चे के रोने की आवाज आई, तो परिजन चौंक गए और दौड़कर फ्रिज खोला। बच्चे को तुरंत बाहर निकाला गया और समय पर कार्रवाई होने से उसकी जान बच गई।

मानसिक बीमारी की पुष्टि
महिला को इलाज के लिए एक मानसिक रोग विशेषज्ञ (साइकेट्रिक डॉक्टर) के पास ले जाया गया। डॉ. कार्तिकेय गुप्ता, जो महिला का इलाज कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि महिला को पोस्टपार्टम साइकोसिस नाम की बीमारी हो गई थी। यह बीमारी कई बार डिलीवरी के बाद महिलाओं को हो जाती है और लगभग 5% मामलों में ऐसा मानसिक असंतुलन देखा गया है। डॉ. गुप्ता के अनुसार, यह एक मानसिक आपात स्थिति होती है जिसमें महिला को भ्रम होने लगता है। महिला को ऐसा महसूस हुआ कि बच्चा उसे नुकसान पहुंचाना चाहता है और इसी भ्रम में उसने बच्चे को फ्रिज में रख दिया।

पोस्टपार्टम डिसऑर्डर को समझा गया भूत-प्रेत
महिला की मानसिक स्थिति को समझने में शुरुआत में परिवार को काफी समय लगा। महिला के ससुराल वालों ने उसकी हालत को भूत-प्रेत का असर समझा और तांत्रिक के पास ले जाकर झाड़-फूंक कराई। महिला का पति पीतल कारीगर है और वह अपने सास-ससुर के साथ रहती है। बच्चे के जन्म के बाद महिला का व्यवहार अचानक बदलने लगा, लेकिन परिवार ने इसे पोस्टपार्टम डिसऑर्डर ना समझते हुए अंधविश्वास से जोड़ा। बीते शनिवार को झाड़-फूंक का कोई असर ना दिखने पर परिवार को एहसास हुआ कि मामला गंभीर है। अब महिला को साइकेट्रिक डॉक्टर के पास इलाज के लिए ले जाया जा रहा है और इलाज शुरू कर दिया गया है।

क्या है पोस्टपार्टम डिसऑर्डर?
पोस्टपार्टम डिसऑर्डर (Postpartum Psychosis) एक गंभीर मानसिक स्थिति होती है जो बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं में हो सकती है। इसमें महिला को भ्रम या आवाजें सुनाई देना जैसी समस्या हो सकती है। वह अपना या बच्चे का नुकसान करने की सोच सकती है। इलाज ना होने पर यह स्थिति खतरनाक हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार, इसका इलाज संभव है, लेकिन समय पर पहचान और सही चिकित्सा बेहद जरूरी है।


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Content Editor

Anil Kapoor

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