मुख्तार अंसारी का दाहिना हाथ ‘डम्पी’ गिरफ्तार, टावर डीजल घोटाले में मचेगी हलचल, पूर्वांचल के कई नेताओं की मुश्किलें बढ़ीं
punjabkesari.in Saturday, Oct 25, 2025 - 04:56 PM (IST)
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की सियासत और अपराध जगत में फिर एक बड़ा धमाका हुआ है। माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी और आईएस-191 गैंग का सक्रिय सदस्य डम्पी बुधवार सुबह लखनऊ एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की इस कार्रवाई ने पूर्वांचल की राजनीति में हलचल मचा दी है।

सूत्रों के अनुसार, यह गिरफ्तारी टेलीकॉम टावर डीजल सप्लाई घोटाले से जुड़ी है, जिसमें अरबों नहीं, खरबों रुपये की अवैध कमाई का खेल चल रहा था। माना जा रहा है कि डम्पी के कबूलनामे से कई बड़े चेहरों और नेताओं के नाम सामने आ सकते हैं।
कौन है डम्पी ... मुख्तार अंसारी का सबसे भरोसेमंद आदमी
गाजीपुर निवासी डम्पी सिर्फ एक अपराधी नहीं, बल्कि मुख्तार अंसारी का मैनेजर और कोर ऑपरेटर था। वह आईएस-191 गैंग का प्रमुख सदस्य रहा है। मुख्तार की राजनीतिक और अपराधी पकड़ का फायदा उठाकर उसने टेलीकॉम टावर कंपनियों की डीजल सप्लाई चेन पर कब्जा जमाया। सूत्र बताते हैं कि डम्पी ने पूर्व सांसद अतुल राय के साथ मिलकर डीजल चोरी और कालाबाजारी का जाल बिछाया। कंपनियों को धमकाकर डीजल की सप्लाई पर एकाधिकार किया गया और फिर उसे ब्लैक मार्केट में बेचकर मोटा मुनाफा कमाया गया। एक वरिष्ठ जांच अधिकारी ने बताया, “डम्पी गिरफ्तारी से पहले विदेश भागने की तैयारी में था, लेकिन एसआईटी ने समय रहते कार्रवाई कर दी।”
घोटाले की गहराई तक जाएगी जांच, नेताओं की बढ़ेगी मुश्किलें
डम्पी की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसियाँ अब पूरे नेटवर्क की तहकीकात में जुटी हैं। पुलिस सूत्रों का दावा है कि उसके पास गैंग की फंडिंग, नेटवर्किंग और राजनीतिक कनेक्शन की पूरी जानकारी है। जिन नामों पर अब सवाल उठ रहे हैं, उनमें अखंड राय, अंगद राय, पूर्व सांसद अतुल राय, विधायक अभय सिंह और मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी शामिल हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अगर डम्पी सच बोल देता है, तो मुख्तार अंसारी सिंडिकेट की आर्थिक रीढ़ टूट जाएगी।”
ईडी और गैंगस्टर एक्ट की तलवार भी लटकी
जांच एजेंसियों का ध्यान अब डम्पी के बताए गुप्त ठिकानों, संपत्तियों, फार्महाउस और होटलों पर है। माना जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से केस में एंट्री कर सकता है। एसआईटी के सूत्रों के मुताबिक, यह गिरफ्तारी सिर्फ शुरुआत है, आगे कई राजनेता, कारोबारी और माफिया सरगना गिरफ्त में आ सकते हैं। योगी सरकार की माफिया विरोधी मुहिम को यह गिरफ्तारी नई गति देने वाली मानी जा रही है।

