नेताजी के जाने के बाद भी चाचा भतीजे के रिश्ते नहीं हुए मुलायम, सपा के इस लिस्ट से शिवपाल का नाम गायब
punjabkesari.in Tuesday, Oct 18, 2022 - 04:37 PM (IST)

लखनऊ: 10 अक्टूबर को जब सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हुआ। उस दिन से अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल लगभग हर समय एक साथ रहे। जब मुलायम सिंह को सैफई लाया जा रहा था। तब चाचा अपने भतीजे का ढांढस बढाते रहे। नेता जी को अंतिम विदाई देने से हरिद्वार में उनकी अस्थि विसर्जन तक शिवपाल अपने भतीजे के साथ दिखे। दोनों को एक साथ देखकर लोगों के मन में यह सवाल आने लगा की क्या चाचा भतीजा के बीच सब ठीक हो गया? मीडिया में तो शिवपाल को अगला सपा संरक्षक बनने की भी बातें भी होने लगी। लेकिन ये सारी बातें उस वक्त हवा हो गई। जब सपा ने मंगलवार को चुनाव आयोग में गोला गोकर्णनाथ उप चुनाव में अपने स्टार प्रचारक की लिस्ट सौपीं। इस लिस्ट में शिवपाल यादव का नाम नहीं था।
किन किन को मिली स्टार प्रचारक कि जिम्मेदारी
सपा की तरफ से जिन लोगों को गोला गोकर्णनाथ उप चुनाव में सपा उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने की जिम्मेदारी मिली है। उनमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा मो. आजम खां, नरेश उत्तम पटेल, इंद्रजीत सरोज, स्वामी प्रसाद मौर्य, राम अचल राजभर, लालजी वर्मा, धर्मेंद्र यादव, आरके चौधरी, माता प्रसाद पांडेय, डा. मनोज पांडेय के साथ ही 39 लोगों को जिम्मेदारी दी गई है। इन सभी प्रचारकों में शिवपाल सिंह यादव का नाम नहीं है। जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव के चौथे चरण से ही शिवपाल सिंह यादव सपा के स्टार प्रचारक थे। इससे भी ज्यादा चौकाने वाली बात ये है कि जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गई है वो पिछले विधानसभा में ही बसपा से सपा में शामिल हुए है।
2022 के चुनाव में प्रसपा से किया था गठबंधन
ये बात सबको पता है कि 2016 में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चाचा और पिता से अनबन के बाद सपा पर अपना कब्जा कर लिया था। इसके बाद उन्होंने शिवपाल सिंह यादव को ना सिर्फ अपने मंत्रिमंडल से निकाला बल्कि पार्टी से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। उस वक्त तो मुलायम सिंह के वजह से शिवपाल को सपा का टिकट तो मिल गया लेकिन फिर वो कभी सपा में नहीं रह पाए। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के हारने के बाद शिवपाल ने भी सपा से अपना नाता तोड़ कर अपनी अलग पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया बना ली। इसके बाद तो चाचा ने अपने भतीजे पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा। इस साल जब यूपी में 2022 का विधानसभा चुनाव हो रहा था। उस वक्त अखिलेश ने न सिर्फ अपने चाचा को मनाया बल्कि अपनी पार्टी के साथ गठबंधन भी कर लिया। उन्हें अपनी पार्टी के सिंबल पर उनके पारंपरिक जसवंतनगर सीट से उम्मीदवार भी बनाया।
रोड शो में एक साथ दिखे थे शिवपाल और अखिलेश
2022 विधानसभा चुनाव में समाजवादी विजय रथ पर अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल एक साथ दिखे थे। इस दौरान शिवपाल यादव ने एक टीवी चैनल के सवाल पर कहा था कि, हमने तो अखिलेश को अपना नेता मान लिया। इस जवाब को सुनकर अखिलेश यादव पलटकर हंसे भी थे। इटावा के इस रोड शो में पूरा परिवार एक साथ दिखाई दिया था। इससे कार्यकर्ताओं में परिवार के एकजुटता का संदेश जाने से पार्टी को फायदा होने की उम्मीद की जा रही थी।
विधानसभा के बाद से ही बढ़ने लगी दूरी
2022 विधानसभा चुनाव में सपा की हार के बाद नवनिर्वाचित विधायकों की पहली बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शिवपाल नहीं बुलाया। सपा की तरफ से सभी विधायकों को फोन कर बुलाया गया था लेकिन शिवपाल को फ़ोन ही नहीं गया। इसके बाद फिर दूरी खींच गई। इसके बाद शिवपाल सिंह यादव सपा द्वारा बुलाई गई सहयोगी दलों की बैठक में नहीं पहुंचे थे। इसके साथ ही समय-समय पर योगी सरकार की तारीफ कर और राष्ट्रपति के चुनाव में NDA प्रत्याशी के समर्थन में वोट कर शिवपाल ने अखिलेश से अपनी नाराजगी जता दी।