गैंगस्टर जीवा की लखनऊ कोर्ट में हत्या: वेस्ट UP में था अच्छा खासा खौफ...कृष्णानंद हत्याकांड में भी आया नाम
punjabkesari.in Wednesday, Jun 07, 2023 - 05:55 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और उसके तमाम नेता दुरुस्त कानून व्यवस्था के बड़े-बड़े दावों में दम भरते नजर आते हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत इन दावों से मुंह चिढ़ाती नजर आती है। राजधानी लखनऊ में कोर्ट में वेस्ट यूपी के एक कुख्यात अपराधी संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिससे कोर्ट में हड़कंप मच गया। हत्या करने वाले आरोपी वकील के भेष में कोर्ट में पहुंचे थे। आरोपी मौके से भाग रहे थे, लेकिन मौके पर मौजूद वकीलों ने आरोपियों को पकड़ लिया है।
पश्चिमी यूपी का कुख्यात अपराधी था संजीव जीवा
पश्चिमी यूपी का कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था। हाल ही में प्रशासन द्वारा उसकी संपत्ति भी कुर्क की गई। उत्तर प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा जितना खेती-किसानी के लिए प्रख्यात है, उतना ही गैंगस्टर और अपराधियों के लिए कुख्यात रहा है। भाटी गैंग, बदन सिंह बद्दो, मुकीम काला गैंग और न जाने कितने अपराधियों के बीच संजीव माहेश्वरी का भी नाम जुर्म की दुनिया में पनपा। 90 के दशक में संजीव माहेश्वरी ने अपना खौफ पैदा शुरू किया, फिर धीरे-धीरे वह पुलिस व आम जनता के लिए सिर दर्द बनता चला गया।
कंपाउंडर की नौकरी करता था कुख्यात
आज बात पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की इसलिए क्योंकि बीते दिनों शामली पुलिस ने उसी के गैंग के एक शख्स को एके-47,करीब 1300 कारतूस व तीन मैगजीन के साथ पकड़ा है। शामली पुलिस ने रास्ते में चेकिंग के दौरान अनिल नाम के शख्स को धर दबोचा था। दरअसल, जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाना संचालक के यहां कंपाउंडर के नौकरी करता था। इसी नौकरी के दौरान जीवा ने अपने मालिक यानी दवाखाना संचालक को ही अगवा कर लिया था। इस घटना के बाद उसने 90 के दशक में कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपहरण किया और फिरौती दो करोड़ की मांगी थी। उस वक्त किसी से दो करोड़ की फिरौती की मांग होना भी अपने आप में बहुत बड़ी होती थी। इसके बाद जीवा हरिद्वार की नाजिम गैंग में घुसा और फिर सतेंद्र बरनाला के साथ जुड़ा लेकिन उसके अंदर अपनी गैंग बनाने की तड़प थी।
मुख्तार अंसारी से भी था संबंध
इसके बाद उसका नाम 10 फरवरी 1997 को हुई भाजपा के कद्दावर नेता ब्रम्ह दत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया। जिसमें बाद में संजीव जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। फिर जीवा थोड़े दिनों बाद मुन्ना बजरंगी गैंग में घुस गया और इसी क्रम में उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ। कहते हैं कि मुख्तार को अत्याधुनिक हथियारों का शौक था तो जीवा के पास हथियारों को जुटाने के तिकड़मी नेटवर्क था। इसी कारण उसे अंसारी का वरदहस्त भी प्राप्त हुआ और फिर संजीव जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आया।
कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आया था नाम
हालांकि, कुछ सालों बाद मुख्तार और जीवा को साल 2005 में हुए कृष्णानंद राय हत्याकांड में कोर्ट ने बरी कर दिया था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पर 22 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से 17 मामलों में संजीव बरी हो चुका है, जबकि उसकी गैंग में 35 से ज्यादा सदस्य हैं। वहीं, संजीव पर जेल से भी गैंग ऑपरेट करने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में उसकी संपत्ति भी प्रशासन द्वारा कुर्क की गई थी।
जीवा ने पत्नी जताया था जान का खतरा
जीवा पर साल 2017 में कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी हत्याकांड में भी आरोप लगे थे, इसमें जांच के बाद अदालत ने जीवा समेत 4 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि जीवा फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था, लेकिन साल 2021 में जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी (जीवा) जान को खतरा है। बता दें कि, पायल 2017 में आरएलडी के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं और उन्हें हार मिली थी।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Related News
Recommended News
CM आवास में आयोजित बैठक में नीतीश कुमार का बड़ा फैसला, JDU के विधानसभा प्रभारियों की टीम को किया भंग

Recommended News

Parivartini Ekadashi: आज करें ये उपाय, श्री हरि की कृपा से खुशियां खटखटाएंगी आपका द्वार

Anant Chaturdashi का व्रत देता है 14 साल तक शुभ फल, जानिए पूजा की विधि और महत्व

अनंत चतुर्दशी के दिन इस शुभ योग में करें बप्पा का विसर्जन, मनचाहा वरदान देंगे विघ्नहर्ता

Pitru Paksha 2023 | इस दिन से हो रही है पितृपक्ष की शुरुआत, जानें तर्पण विधि