Varanasi News: थाने में नहीं हो रही थी सुनावई, मुस्लिम महिलाओं ने खून से लिखा CM योगी को पत्र...अब FIR दर्ज
punjabkesari.in Thursday, Jul 13, 2023 - 01:30 PM (IST)

Varanasi News: प्रदेश में एक तरफ आरोप लगता है कि योगी सरकार केवल जाति देखकर इंसाफ कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम महिलाओं ने सीएम पर भरोसा जताते हुए इंसाफ के लिए अपने खून से पत्र लिखा है।
आपको बता दें कि वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने अपने खून से लिखे गए पत्र द्वारा सीएम योगी से इंसाफ की गुहार लगा रही हैं। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने अपने ऊपर हुए उत्पीड़न और पुलिस की कार्रवाई की हकीकत बयान की हैं। उनका कहना है कि पुलिस 12 दिन से उनकी एक न सुन रही थी, लेकिन खत लिखते हुए पुलिस तुंरत सक्रिय हुई और मुकदमा दर्ज कर लिया।
जानिए क्या है मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक जैतपुरा इलाके में रहने वाली यह शाहिदा और रोमी ने अपनी शरीर से खून निकलवा कर उससे एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने वाराणसी के जैतपुरा थानाध्यक्ष के ऊपर आरोप लगाया है कि 12 दिनों से एफआईआर के लिए थाने में चक्कर लगा रही हूं लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया जा रहा है। महिलाओं का आरोप है कि मदरसे के प्रबंधक रिजवान ने उनके साथ बेईमानी की व नौकरी दिलाने के नाम पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला गया, जिसकी तहरीर थाने में दी गयी लेकिन अभी तक कोई मुकदमा नहीं लिखा गया है।
पीड़िताओं के साथ की मारपीट
जानकारी के मुताबिक पत्र लिखने वाली शाहिदा और रूमी हैं। दोनों जैतपुरा में स्थित चुरगे उलूम मदरसे में प्राइवेट अध्यापिका हैं। मदरसे में परमानेंट नौकरी का विकल्प आया तो प्रबंधक रिजवान ने इन्हें नौकरी दिलाने का प्रलोभन दिया और इनसे 2 लाख रुपये ले लिया, लेकिन जब इंटरव्यू का दिन आया तो इन्हें नहीं बुलाया गया।
उनका आरोप है कि जब यह इंटरव्यू वाले दिन यानी 28 जून को मदरसे पहुंचीं और प्रबंधक रिजवान से सवाल करने लगीं तो रिजवान उसे दूसरे कमरे में ले जाकर उनसे नौकरी के नाम पर और 13 लाख रुपये मांगने लगा. शाहिदा ने इसका विरोध किया तो उसे मारपीट कर मदरसे से निकाल दिया गया। जिसके कारण गर्भवती शाहिदा का मिस कैरेज हो गया