हाथरस हादसे पर “भोले बाबा” उर्फ नारायण साकार हरी की आई पहली प्रतिक्रिया, चिट्ठी लिखकर की ये मांग
punjabkesari.in Wednesday, Jul 03, 2024 - 08:36 PM (IST)

हाथरसः उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ तहसील के ग्राम पंचायत रतिभानपुर के मजरा फुलरई में आयोजित एक सत्संग में मंगलवार को मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। मृतकों में सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं। हादसे पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर कई राजनेताओं ने दुख व्यक्त किया है। इस हादसे पर पहली बार “भोले बाबा” उर्फ नारायण साकार हरी की प्रतिक्रया सामने आई है। उसने अंग्रेजी में चिट्ठी जारी कर कहा है कि हम मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं तथा प्रभु/परमात्मा से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। साथ ही उन्होंने मांग की है कि हम सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. ए.पी. सिंह को भी अधिकृत करते हैं कि समागम/सत्संग के बाद कुछ विरोधी सामाजिक तत्वों के द्वारा भगदड़ मचाने के संबंध में आगे की कानूनी कार्रवाई करें। मैं समागम के लिए बहुत पहले 02-07-2024 गांव फुलारी, सिकंदराराऊ, हाथरस, उत्तर प्रदेश से रवाना हुआ था।
हाथरस भगदड़ मामला में मृतकों की संख्या बढ़कर 121 हुई
हाथरस जिले में हुई भगदड़ की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 121 हो गयी है। राज्य के राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से बुधवार को यह जानकारी दी गई। राहत आयुक्त कार्यालय के मुताबिक मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। अधिकांश अनुयायियों की मौत दम घुटने के कारण हुई। हाल के वर्षों में हुई यह सबसे बड़ी त्रासदी है। कुछ लोगों का कहना है कि लोग प्रवचनकर्ता की कार के पीछे भागते समय कीचड़ में फिसल गए, जिससे भगदड़ मच गई। हाथरस जिले के फुलरई गांव में बाबा नारायण हरि द्वारा आयोजित सत्संग में शामिल होने के लिए लाखों अनुयायी पहुंचे हुए थे। बाबा नारायण हरि, साकार विश्व हरि भोले बाबा के नाम से भी लोकप्रिय हैं। राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मंगलवार को इस हादसे में मरने वालों की संख्या 116 बताई थी जिनमें सात बच्चे, एक पुरुष और बाकी सभी महिलाएं हैं। राहत आयुक्त द्वारा जारी की गई ताजा सूची के अनुसार मृतकों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है, जिनमें से 19 की पहचान अभी भी नहीं हो पाई है। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं और लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।