‘सत्यं वद:, धर्म चर:'' की मूल भावना को अपनाने की जरूरत: सीएम योगी

punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 03:42 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘सत्यं वद:, धर्म चर:' की मूल भावना को अपनाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि अपने बड़ों के प्रति कृतज्ञता का भाव हमारे मन में हमेशा होना चाहिए और यह हमारी पहचान बननी चाहिए। मुख्यमंत्री ने बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय लखनऊ के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की प्राचीन परंपरा में जब अपनी शिक्षा पूरी करके कोई स्नातक अपने गुरुकुल से बाहर निकलता था तो कुलगुरु उसे ‘सत्यं वद: धर्म चर:' की दीक्षा और उपदेश देते थे। इसका अर्थ है कि जीवन में सत्य बोलना और धर्म का आचरण करना। 

'हम जो करते थे दुनिया उसका अनुसरण करती थी'
सीएम योगी ने कहा, ‘‘किसी भी अच्छे कार्य के लिए हमेशा अपने आप को तैयार करना, अपने कर्तव्यों के प्रति सदैव ईमानदार बने रहकर उसका अनुपालन करना और अपने जीवन में सदैव अपने से बड़ों का सम्मान करना, यह संस्कार हमारे मन में सदैव बना रहना चाहिए।'' आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘भारत का कोई स्नातक जब अपनी शिक्षा पूरी करके इस भाव को लेकर अपने गुरुकुल से बाहर निकलता था तब भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपने आप को स्थापित पाता था। भारत तब दुनिया की सबसे बड़ी ताकत था। हम जो करते थे दुनिया उसका अनुसरण करती थी लेकिन जब हमने दुनिया का अनुसरण करना प्रारंभ कर दिया तो हमारी ताकत भी उसी प्रकार से कम होती गई और आज भारत की स्थिति क्या है यह किसी से छुपा हुआ नहीं है।'' 

'कृतज्ञता का भाव हमारे मन में हमेशा होना चाहिए'
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह प्रश्न हम सबके सामने सदैव बना रहना चाहिए और इसीलिए कृतज्ञता का भाव हमारे मन में हमेशा होना चाहिए। यह हमारी पहचान बननी चाहिए। मुख्यमंत्री ने तकनीक के मामले में बाकी दुनिया से 10 कदम आगे की सोच अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि दुनिया तकनीक को तेजी से अपना रही है। इसमें हम अपने आप को रोक नहीं सकते। जब हम दुनिया से 10 कदम आगे की सोच लेकर चलेंगे तब दुनिया हमारा अनुगमन करने के लिए मजबूर होगी। हम लकीर के फकीर नहीं बन सकते।'' आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत की विकास यात्रा ने दुनिया को हिंदुस्तान के पीछे चलने के लिए मजबूर किया है और हर भारतवासी इस पर गौरव की अनुभूति कर सकता है। 


 


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Content Editor

Pooja Gill

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