ना एंबुलेंस, ना मदद, मौत के बाद भी तन्हा रह गया इंसान…हमीरपुर की दर्दनाक तस्वीरों ने विकास की परतें उधेड़ दीं!
punjabkesari.in Sunday, Nov 09, 2025 - 03:05 PM (IST)
हमीरपुर ( रवींद्र सिंह रिंकू): सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये तस्वीरें किसी फिल्म का सीन नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले की वो सच्चाई हैं, जो सरकार के विकास के दावों को कटघरे में खड़ा कर रही हैं। कहा जाता है कि अब गांव-गांव तक विकास पहुंच चुका है, लेकिन ये तस्वीर बताती है कि हकीकत अभी भी कितनी दर्दनाक है… इंसानियत और व्यवस्था दोनों ही मानो दम तोड़ चुकी हैं।
दरअसल, कुरारा थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह संदिग्ध हालात में एक व्यक्ति का शव मिला… पोस्टमार्टम के बाद जब परिजन अपने प्रियजन का शव लेने पहुंचे तो उन्हें न तो शव वाहन मिला, न एंबुलेंस,,, मजबूरन परिजनों ने ई-रिक्शा का सहारा लिया और अपने प्रियजन के शव को उसी में रखकर घर ले गए।
बता दें कि ये पूरा मामला कुरारा थाना क्षेत्र के खिरवा मार्ग का था। जहां पुलिया के पास कुरारा निवासी जाकिर का शव बरामद हुआ था। पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया था। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया। परिजन शव को ई-रिक्शे में रखकर घर ले गए, क्योंकि इन्हें शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया था। वीडियो में देखा जा सकता है कि ई-रिक्शे में पटरा लगाकर शव को लिटाया गया था और गिरने से रोकने के लिए रस्सी से बांधा गया था।
मृतक का एक परिजन भी ई-रिक्शे में बैठा दिखा। जब ई-रिक्शा शहर के बीच से गुजरा, तो किसी ने यह वीडियो बना लिया जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं इस मामले में सीओ सदर राजेश कमल ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जाता है। इसके बाद वे उसे किस साधन से ले जाते हैं, यह पूरी तरह परिजनों का निर्णय होता है।
खैर, अब ये वीडियो पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि ये न सिर्फ एक परिवार की बेबसी की कहानी कहती हैं, बल्कि उस “विकास मॉडल” की सच्चाई भी दिखाती हैं, जो सिर्फ भाषणों और कागजों तक सीमित लगता है।

