UP के स्कूलों में अब नहीं चलेगी लेट एंट्री, हाईकोर्ट सख्त, कहा- टीचरों की ऑनटाइम अटेंडेंस अनिवार्य
punjabkesari.in Saturday, Nov 01, 2025 - 04:02 PM (IST)
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में अब शिक्षकों की लेट एंट्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि सभी स्कूलों में टीचरों की ऑनटाइम अटेंडेंस सुनिश्चित की जाए। कोर्ट ने साफ कहा कि ग्रामीण इलाकों में गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए यह कदम बेहद जरूरी है। यह आदेश जस्टिस पी.के. गिरी की पीठ ने शिक्षिकाओं इंद्रा देवी और लीना सिंह चौहान की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
तकनीक से होगी मॉनिटरिंग: कोर्ट
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि सरकार इस विषय पर मुख्य सचिव स्तर पर बैठकें कर रही है। अदालत ने टिप्पणी की, “आजादी के बाद से अब तक शिक्षकों की समय पर उपस्थिति के लिए कोई प्रभावी प्रणाली नहीं बनी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे मामलों में अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है।” कोर्ट ने सुझाव दिया कि डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम (जैसे पोर्टल या मोबाइल ऐप) के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कराई जा सकती है ताकि रियल-टाइम मॉनिटरिंग संभव हो सके।
सिर्फ 10 मिनट की देरी तक मिलेगी छूट
कोर्ट ने कहा कि किसी शिक्षक को अधिकतम 10 मिनट की देरी तक ही छूट दी जा सकती है। इसके बाद अनुपस्थिति या अनुशासनात्मक कार्रवाई लागू की जा सकती है। पीठ ने याचिकाकर्ता शिक्षिकाओं को पहली गलती मानते हुए राहत दी और भविष्य में समय से उपस्थिति दर्ज करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर 2025 को होगी।
अन्य राज्यों में पहले से लागू डिजिटल उपस्थिति
कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि कई राज्यों में पहले से ई-अटेंडेंस सिस्टम लागू है:
मध्य प्रदेश: 1 जुलाई 2025 से ‘Humare Shikshak’ ऐप के जरिए सरकारी शिक्षकों की डिजिटल उपस्थिति दर्ज की जा रही है।
बिहार: ‘e-Shikshakosh’ ऐप में लोकेशन और फोटो के साथ रियल-टाइम अटेंडेंस दर्ज की जाती है।
ओडिशा: ‘e-Upasthan’ ऐप छात्रों और शिक्षकों दोनों की उपस्थिति मॉनिटर करता है। अब यूपी में भी इसी तरह की डिजिटल व्यवस्था लागू करने की उम्मीद बढ़ गई है।

