नहीं रहे मशूहर साहित्यकार केदारनाथ, 84 वर्ष की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

punjabkesari.in Tuesday, Mar 20, 2018 - 09:41 AM (IST)

बलियाः मशूहर साहित्यकार केदारनाथ सिंह का दिल्ली के एम्स अस्पताल में सोमवार शाम निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। मंगलवार को दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनकी मौत से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

उनके निधन पर शोक जाहिर करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि 'सुप्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार केदारनाथ सिंह जी के निधन के समाचार से मुझे गहरी वेदना की अनुभूति हुई है। सरल भाषा में जीवन की जटिलताओं की अभिव्यक्ति करने की उनकी अनूठी शैली थी। उनके निधन से हिंदी जगत का एक सशक्त हस्ताक्षर मिट गया है। ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।'

कौन हैं केदारनाथ 
केदारनाथ सिंह का जन्म 7 जुलाई, 1934 को हुआ था। 1956 में उन्होंने बीएचयू से हिंदी साहित्य में एमए और 1964 में पीएचडी किया। केदारनाथ सिर्फ कविता लेखन में नहीं बल्कि अकादमिक जगत में भी सक्रिय थे। केदारनाथ सिंह के परिवार में 1 बेटा और 5 बेटियां हैं। वे ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित थे। उन्हें 2013 में यह पुरस्कार मिला था। केदारनाथ सिंह यह पुरस्कार पाने वाले हिन्दी के 10 वें लेखक थे। केदारनाथ सिंह जेएनयू में हिंदी विभाग के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने हाथ, जाना, दिशा, बनारस आदि जैसी कई चर्चित रचनाएं लिखीं।


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