डॉ. अांबेडकर के नाम पर वोट हासिल करने वालों के मुंह पर किसी तमाचे से कम नहीं संविधान निर्माता की यह

punjabkesari.in Saturday, Apr 14, 2018 - 12:18 PM (IST)

कानपुरः देश का सविंधान लिखने वाले डॉ. भीमराव आंबेडकर की आज जयंती है। आज के दिन देश उन्हें और उनके योगदान को याद कर रहा है, लेकिन कानपुर की इस तस्वीर को देखकर लगता है कि बाबा साहब का योगदान धूमिल हो रहा है। दरअसल हम बात कर रहे हैं कानपुर के जूही इलाके की। यहां तालाब के बीच लगी भीम राव आंबेडकर मूर्ति बदहाली के आंसू रो रही है। वहीं इस मूर्ति की सुध लेने वाला कोई नहीं है।  
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कानपुर के जूही इलाके में गंदे पानी से भरे हुए तलाब के बीचो-बीच बाबा साहेब की मूर्ति लगी हुई है। आंबेडकर जयंती मनाने के लिए लोग तलाब के गंदे पानी के बीच से होकर उनकी मूर्ति के पास जाने की कोशिश कर रहे हैं। काफी जद्दोजहद के बाद लोगों ने गंदे पानी से होकर उनकी मूर्ति पर माला अर्पित कर उनकी जंयती मनाई। 

वहीं इस मामले में क्षेत्रीय पार्षद सुनील कनौजिया का कहना है कि कई सालों से प्रयास कर रहे हैं कि तालाब को साफ किया जाए। इसको लेकर सभी जिम्मेदार अधिकारियों से कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसकी वजह से बाबा साहेब की मूर्ति की यह दशा बनी हुई है। 
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दरअसल 1956 में जूही के इस इलाके में धोबी घाट हुआ करता था और घाट में पनकी कैनाल नहर से पानी आया करता था। तत्कालीन श्रमायुक्त की तरफ से यह जमीन धोबी घाट के लिए दे दी गई, लेकिन वक्त बीतता गया और धोबी घाट के लिए दी गई जमीन पर लोगों ने कब्जा करके उसको पूरी बस्ती का रूप दे दिया। पानी की निकासी ना होने के कारण लोगों के घरो से निकला गंदा पानी बाबा साहेब की मूर्ति के पास जमा होने लगा और धीरे-धीरे तालाब में तब्दील हो गया। बाबा साहेब की मूर्ति की दुर्दशा देखकर इलाके के लोगों ने कई बार जिलाधिकारी और नगर आयुक्त से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।


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Ruby

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