सपा में गुटबाजी के बाद अब बगावतः पार्षद आरिफ कुरैशी ने महानगर अध्यक्ष पर लगाया गंभीर आरोप
punjabkesari.in Sunday, Sep 17, 2023 - 06:35 PM (IST)

बरेली : बीते दिनों भले ही सपा में चल रही नेताओं की मनमुटाव और विरोध को कम करने का प्रयास किया गया हो लेकिन इसका कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। सपा से त्यागपत्र देने वाले पार्षद आरिफ कुरैशी ने महानगर अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सपा का बरेली महानगर संगठन पार्टी को तोड़ने का काम कर रहा है। महानगर अध्यक्ष के नेतृत्व में हुए नगर निगम चुनाव में टिकट के बदले पैसे का लेन-देन हुआ। कई निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने पार्टी से अलग होकर चुनाव लड़ा और जीते। पहले पार्टी के 29 पार्षद होते थे। महानगर अध्यक्ष के नेतृत्व में यह संख्या घटकर 14 रह गई और बीडीए सदस्य के लिए हुए चुनाव में यह छह रह गई। बता दें कि संगठन के नेताओं द्वारा लगातार की जा रही उपेक्षा से आहत होकर पार्षद आरिफ कुरैशी ने सपा से त्यागपत्र दे दिया।
पार्टी में उनकी लगातार उपेक्षा हो रहीः आरिफ
सपा के संस्थापक सदस्य में शुमार 30 साल से पार्टी से जुड़े आजम नगर के पार्षद आरिफ कुरैशी ने कहा कि पार्टी में उनकी लगातार उपेक्षा हो रही थी। समर्पित कार्यकर्ता होने पर भी इस तरह के बर्ताव होने से मन आहत हुआ है। नगर निगम चुनाव में भी महानगर अध्यक्ष पर पैसे लेकर टिकट देने के आरोप लगे थे। एम टॉनिक की खूब चर्चा हुई थी।
चुनाव में पार्टी की करारी हार का मुख्य कारण महानगर का संगठनः आरिफ
आरिफ ने बताया कि रात 8 बजे तक जिला और महानगर अध्यक्ष के घर के चक्कर लगाने के बाद महानगर अध्यक्ष ने कहा कि सुबह उनके नाम की घोषणा हो जाएगी, लेकिन रात 9 बजे दूसरा नाम घोषित कर दिया। पार्षद ने कहा कि विधानसभा, विधान परिषद और नगर निगम के चुनाव में पार्टी की करारी हार का मुख्य कारण महानगर का संगठन है। नगर निगम की कार्यकारिणी में भी सबसे पहले अपने भाई को ही भिजवाया। पार्षद दल के नेता की बात से आहत आरिफ ने कहा कि चुनाव के समय पार्टी के चुनाव चिह्न से परहेज करने वाले लोग पहले अपने गिरेबान में झांके फिर आदर्शवादिता की बात करें। पार्षद आरिफ कुरैशी ने कहा कि वह किसी दूसरी पार्टी में नहीं जा रहे हैं।
बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैः शमीम सुल्तानी
समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष शमीम सुल्तानी ने पलटवार करते हुए कहा कि टिकट नहीं मिला तो आरोप लगा रहे हैं, पहले क्यों शांत रहे। अब बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।