महाकुंभ से लौटे नागा संन्यासियों की संख्या काशी में बढ़ी, आशीर्वाद लेने वालों की लगी भीड़

punjabkesari.in Saturday, Feb 15, 2025 - 10:59 AM (IST)

Varanasi News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ से लौटे संन्यासियों ने महादेव की नगरी वाराणसी में डेरा डाल लिया है। जूना अखाड़ा के संन्यासियों की संख्या अब काशी में और अधिक बढ़ गई है। प्रयागराज के महाकुंभ की रौनक अब काशी के गंगा घाटों पर दिखाई दे रही है। यहां पर गंगा घाटों के किनारे छोटे-छोटे शिविरों में नागा संन्यासी अपना डेरा डाले हुए हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुके हैं। प्रतिदिन हजारों लोग इन संन्यासियों के दर्शन करने पहुंचते हैं और उनके आशीर्वाद के रूप में माथे पर रज लगाते है।

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गंगा घाटों पर स्थापित किए शिविर 
जूना अखाड़ा के अलावा अन्य शैव अखाड़ों के संत भी काशी पहुंच चुके हैं और उन्होंने गंगा घाटों पर अपने-अपने शिविर स्थापित किए हैं। ये सभी संत बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं, साथ ही गंगा किनारे पवित्र धूनी जला कर साधना में लगे हुए हैं। इन संन्यासियों के लिए काशी एक गंतव्य नहीं बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का शिखर है। उनका मानना है कि महाकुंभ की पवित्रता काशी के दर्शन के बिना अधूरी है। इनमें से कई साध्वी भी हैं, जो अपने रहस्यमय रूप में दिखाई देती हैं। भस्म और भभूत का शृंगार किए हुए दिगंबर नागा संन्यासी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। लोग इनका दर्शन करने के साथ-साथ उनके साथ सेल्फी लेने का भी लालच नहीं छोड़ पा रहे हैं।

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राजसी यात्रा के बाद बढ़ी संख्या   
बुधवार को नागा संन्यासियों की पहली पेशवाई यानी राजसी यात्रा के बाद इनकी संख्या और भी बढ़ गई है। गुरुवार को लगभग हर शिविर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं। देश-विदेश के पर्यटक भी इस रहस्यमय संसार को देखकर आश्चर्यचकित थे और संन्यासियों के जीवन दर्शन को समझने के लिए उत्सुक दिखाई दे रहे थे।चेतसिंह घाट से लेकर मानसरोवर घाट तक के शिविरों में नागा संन्यासियों का अद्भुत संसार काशी में लघु कुंभ के रूप में साकार हो रहा है।


 


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Content Editor

Pooja Gill

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