हिन्दू सेना के दावे पर कोर्ट ने ईदगाह मस्जिद में अमीन सर्वे का दिया आदेश, 20 जनवरी तक पेश करनी होगी रिपोर्ट

punjabkesari.in Saturday, Dec 24, 2022 - 01:58 PM (IST)

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के मामले में हिंदू सेना के दावे पर सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की अदालत ने ईदगाह का अमीन सर्वे करने का आदेश दिया है। वादी के अधिवक्ता शैलेष दुबे ने बताया कि 8 दिसंबर को अदालत के समक्ष पूरा मामला रखा। अदालत ने उसी दिन केस को दर्ज कर लिया था और अमीन रिपोर्ट के आदेश कर दिए हैं। इस संबंध में 22 दिसंबर को अदालत में सुनवाई नहीं हो सकी। अब 20 जनवरी तक अमीन को ईदगाह की रिपोर्ट अदालत में पेश करनी होगी।

औरंगजेब द्वारा मंदिर तोड़कर तैयार कराई गई थी ईदगाह
वादी के अधिवक्ता शैलेश दुबे ने बताया कि 8 दिसंबर को दिल्ली निवासी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता एवं उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की न्यायाधीश सोनिका वर्मा की अदालत में यह दावा किया था। इसमें कहा गया है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर औरंगजेब द्वारा मंदिर तोड़कर ईदगाह तैयार कराई गई थी। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर मंदिर बनने तक का पूरा इतिहास अदालत के समक्ष पेश किया। उन्होंने वर्ष 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी अवैध बताते हुए निरस्त किए जाने की मांग की है।

20 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
दुबे ने बताया कि अदालत ने वादी की याचिका सुनवाई के लिए स्वीकृत करते हुए अमीन द्वारा सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में पहले 22 दिसंबर को अदालत में सुनवाई होनी थी, लेकिन अपरिहार्य कारणों से ऐसा नहीं हो सका। हालांकि अब अमीन को 20 जनवरी तक ईदगाह की रिपोर्ट अदालत में पेश करनी होगी। गौरतलब है कि इससे पूर्व भी आधा दर्जन से अधिक वादी सिविल जज सीनियर डिवीजन (प्रथम) ज्योति सिंह की अदालत में भी यही मांग रख चुके हैं। लेकिन अब तक उन याचिकाओं पर कोई फैसला नहीं हो सका है।

17 अगस्त 2021 को 5 महिलाओं ने दर्ज कराई थी याचिका
उल्लेखनीय है कि वाराणसी के श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में 17 अगस्त 2021 को 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी में पूजन और विग्रहों की सुरक्षा को लेकर याचिका डाली थी। इस पर वहां उस समय तैनात सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। बाद में यह मामला शीर्ष अदालत तक पहुंचा। 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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