पुलिस का अमानवीय चहरा : किशोरियों का अपहरण कर रेप मामले में नहीं दर्ज की FIR, अब कोर्ट ने दिया ऐसा आदेश, उड़ जाएंगे होश.....
punjabkesari.in Friday, May 02, 2025 - 06:14 PM (IST)

आगरा : उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस की संवेदनहीनता देखने को मिली है। यहां एक किशोरी का अपहरण के बाद दुष्कर्म के मामले में पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज न करने पर पीड़िता ने अदालत से गुहार लगाई। जिसके चलते पॉक्सो एक्ट की विशेष न्यायाधीश सोनिका चौधरी ने मामले में लिप्त आरोपियों और लापरवाही दिखाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश पुलिस आयुक्त को दिए हैं। इस लिस्ट में थाना प्रभारी खेरागढ़ इंद्रजीत सिंह, दरोगा इब्राहिम खान, हरेंद्र सिंह, खेरागढ़ निवासी आरोपी अरबाज अली, अलीम और दो अज्ञात युवकों शामिल हैं।
तीन महीने पुराना है यह मामला
बता दें कि यह मामला तीन महीने पुराना है। पीड़िता के पिता का आरोप है कि उनकी बड़ी बेटी उम्र 16 साल और छोटी बेटी उम्र 13 साल 3 फरवरी 2025 की सुबह 9 बजे घर से बाजार के लिए निकली थीं, लेकिन देर शाम तक वह वापस लौटकर घर नहीं आईं। जिसके बाद उन्होंने आसपास के इलाके तलाश शुरू की, लेकिन बच्चियों का कोई पता नहीं चल सका। दो दिन बाद 5 फरवरी को खेरागढ़-कागारौल चौराहे पर घबराई हुई हालत में छोटी बेटी मिली थी। उसने बताया कि बाजार जाते वक्त बड़ी मस्जिद कब्रिस्तान के पास से आरोपियों ने उन्हें जबरन ऑटो में बैठा लिया था। डराकर अपनी बहन की ससुराल नुनिहाई ले गए। वहां आरोपी अरबाज ने दीदी के साथ दुष्कर्म किया। उसके साथ भी दुष्कर्म का प्रयास किया। रात को मौका देखकर वह बचते-बचाते वहां से भाग निकली। दीदी आरोपियों के कब्जे में है।
पुलिस ने दर्ज नहीं की रिपोर्ट, न्याय से वंचित किया
पीड़िता के पिता के अनुसार, वह छोटी बेटी को लेकर खेरागढ़ थाने पर मुकदमा दर्ज कराने पहुंचे। वहां पुलिस ने उसकी एक न सुनी। रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की। आरोपियों के साथ मिलकर पुलिस ने सरकारी पद का दुरुपयोग कर घटना को दबाने की कोशिश की। सुनवाई के बाद पॉक्सो एक्ट विशेष न्यायाधीश की अदालत ने माना कि पुलिसकर्मियों ने अपने कर्तव्यहीन आचरण से किशोरियों को न्याय से वंचित तो किया ही, साथ ही अदालत को भी गुमराह करने की कोशिश की।