होटल लेवाना अग्निकांड में मालिक और प्रबंधक की जमानत मंजूर, HC की लखनऊ बेंच का फैसला

punjabkesari.in Saturday, Dec 03, 2022 - 09:51 PM (IST)

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के होटल लेवाना अग्निकांड मामले में मालिक राहुल अग्रवाल और रोहित अग्रवाल तथा प्रबंधक सागर श्रीवास्तव को जमानत दे दी। जमानत आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने अपने आदेश में कहा कि हो सकता है कि होटल को चलाने में कुछ आवश्यक नियमों का उल्लंघन हुआ हो किन्तु इसका तात्पर्य यह नहीं है कि अभियुक्तों ने कोई असावधानी की हो अथवा उन्होंने अपने मेहमानों की देखभाल में कोई त्रुटि की हो या उन्हें आग लगने की घटना की पहले से जानकारी रही हो।

गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी
सिंह की एकल पीठ ने तीनों अभियुक्तों की ओर से दाखिल जमानत याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई के उपरांत यह आदेश पारित किया। अपने आदेश में अदालत ने इस तथ्य पर कुछ हद तक सहमति जतायी कि मामले में अभियुक्तों पर गैर इरादतन हत्या का आरोप बनाए रखना अभियोजन के लिए कठिन है। हालांकि यह भी स्पष्ट किया है कि इस प्रश्न पर विचारण अदालत को निर्णय करना है। याचियों की ओर से खुद को निर्दोष बताते हुए दलील दी गई थी कि मामला दुर्घटना का है जबकि उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी लिखा दी गई है।

अभियुक्तों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला नहीं बनता: HC
अदालत ने कहा कि यदि अभियोजन के सभी आरोपों को मान भी लिया जाए तब भी अभियुक्तों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला नहीं बनता है। बहस के दौरान अभियुक्तों की ओर से यह भी कहा गया कि लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए), इलेक्ट्रिकल सेफ़्टी व फायर विभागों के अनापत्ति प्रमाण पत्र लेवाना होटल को जारी किये गये थे। इसमें कहा गया कि होटल के फायर सेफ़्टी उपकरण काम कर रहे थे और आग लगने के बाद आग बुझाने वाले उपकरणों से पानी का छिड़काव भी शुरू हो गया था। लेकिन अधिकारियों द्वारा घटना के तत्काल बाद होटल की बिजली काट देने से इन उपकरणों ने काम करना बंद कर दिया।

हादसे में बचाव की सम्भावना लेवाना होटल में नहीं थी
वहीं जमानत याचिकाओं का राज्य सरकार व पीड़ित परिवारों के अधिवक्ताओं द्वारा विरोध किया गया। दलील दी गयी कि संबंधित अधिकारियों की मिली-भगत से अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल किए गए थे, अभियुक्तों को यह जानकारी थी कि किसी प्रकार के हादसे में बचाव की सम्भावना लेवाना होटल में नहीं थी। तर्क दिया गया कि इसलिए वे लोग जमानत के हकदार नहीं हैं। लेवाना अग्निकांड मामले की प्राथमिकी हज़रतगंज थाने के वरिष्‍ठ उपनिरीक्षक दयाशंकर द्विवेदी ने पांच सितम्बर को राजधानी के हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराई थी। उक्त घटना में चार व्यक्तियों की झुलसने और दम घुटने से मौत हो गई थी जबकि कई लोग घायल हो गए थे। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि होटल में अग्नि सुरक्षा, आपातकालीन निकास या प्रवेश की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी और धुआं निकलने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी और न ही ऐसी कोई सुरक्षा व्यवस्था थी ।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Mamta Yadav

Related News

static