मेरठ मेडिकल कॉलेज से मरीज चोरी! सीएमओ ने कराई FIR, जानिए पूरा मामला

punjabkesari.in Saturday, Nov 29, 2025 - 06:21 PM (IST)

मेरठ (आदिल रहमान): यूं तो चोरी की खबरें आपने बहुत सुनी होंगी… कभी सोना-चांदी उड़ गया, तो कभी बाइक-कार गायब हो गई… लेकिन मेरठ से आई ये वारदात सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे! क्योंकि यहां चोरी हुई है… एक इंसान की! जी हां, मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक मरीज़ को ऐसे गायब किया गया, जैसे कोई जेवर-पैसा उठा ले जाता हो। कहानी में ट्विस्ट यह है कि चोर कोई नकाबपोश गैंग नहीं, बल्कि बहला-फुसलाकर मरीज़ को उठा ले जाने वाले लोग थे, जो उसे सीधे एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करा आए—इलाज के नाम पर! लेकिन असली ड्रामा तो तब शुरू हुआ, जब वहां भी मरीज के साथ धोखा होने लगा… और बेचारा मरीज मदद की पुकार लगाने लगा। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली… और आनन-फानन में पूरे मामले की जांच बैठा दी गई।

दरअसल , गाजियाबाद के रहने वाले मुकेश नाम के मरीज को लकवा से ग्रस्त होने के चलते इलाज के लिए मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था,,, जहां मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने के बाद मरीज मुकेश को मेडिकल कॉलेज में बेहतर इलाज न मिलने की बात बताई गई और उसे प्राइवेट अस्पताल में बेहतर इलाज कराने का सपना दिखाते हुए खर्च मात्र 30 हजार रुपये बताया गया,,, जिसके बाद मुकेश को मेडिकल कॉलेज से निकलवा कर मेरठ के मंगल पांडे नगर इलाके में स्थित अल्फा हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया,,, यहां भर्ती होने के बाद मुकेश से इलाज के नाम पर 90 हजार रुपए वसूल लिए गए और 70 हजार रुपए मुकेश से और मांगे गए।

वहीं इस मामले के सामने आने के बाद मुकेश के परिजनों ने मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिलाधिकारी मेरठ से शिकायत की,,, जिस पर हरकत में आते हुए मामले की जांच की गई तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जांच में आरोप सही पाए गए,,, जिसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस मामले में अल्फा हॉस्पिटल समेत मेरठ मेडिकल कॉलेज से मरीज को दूसरे अस्पताल ले जाने वाले एंबुलेंस चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

वहीं इस घटना के सामने आने के बाद एक बात साफ हो चुकी है कि सरकार लोगों को सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में बेहतर इलाज के लिए भर्ती होने की हिदायत दे रही है,,,लेकिन यहां भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी फैल चुकी है कि यहां से मरीज को निकाल कर उसके बेहतर इलाज के सपने दिखाते हुए प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती करा दिया जाता है और फिर उनसे वसूली जाती है उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई। 


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Content Writer

Ramkesh

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