पौधारोपण घोटालाः  जेल जाने के डर से आरोपी सरकारी कर्मियों ने वापस की पूरी धनराशि

punjabkesari.in Tuesday, Nov 24, 2020 - 06:00 PM (IST)

इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में करीब साढे 12 लाख के पौधारोपण घोटाले में प्रशासनिक कारर्वाई के बाद जेल जाने के डर से आरोपी सरकारी कर्मियों ने पूरी रकम वापस कर दी है। योगी सरकार मे यह पहला मौका है जब किसी भी घोटाले के बाद पूरी की पूरी रकम वापस की गई है । मुख्य विकास अधिकारी ने जांच के बाद सरकारी कर्मियों के खिलाफ ऊसराहार थाने में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कई गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमा दर्ज कराया था।

मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर ने मंगलवार को साफ किया कि भले ही घोटाले की रकम वापस की दी गई है लेकिन विभागीय और पुलिस जांच मे कोई रियायत नही होगी । पंचायत विभाग के लेखाकार धर्मेद्र वर्मा के खिलाफ बर्खास्त करने के अलावा खंड विकास अधिकारी के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है । ताखा में कागजों पर वृक्षारोपण कराकर हड़पे गये 12 लाख रुपये मुकदमा दर्ज होने के बाद फर्मों ने सरकारी खातों में जमा करा दिये है। इस सम्बंध में फर्म द्वारा तर्क दिया गया कि उन्होंने समय से वृक्षारोपण नहीं करा पाया था, वही बडा सवाल यह है कि आखिर शासन को वृक्षारोपण कराने की रिपोर्ट जुलाई माह में कैसे सत्यापित कराकर भेज दी गयी थी,हालांकि अभी मामले में भरथना क्षेत्राधिकारी स्तर पर जांच की जा रही है।       

सूत्रों ने बताया कि विकास खंड ताखा क्षेत्र की 17 ग्राम पंचायतों में कागजों पर वृक्षारोपण कराकर विकास खंड कर्मचारियों और फर्मों ने मिलकर 12 लाख 44 हजार 832 रुपये का घोटाला कर लिया था । मामले में खंड विकास अधिकारी ताखा पीएन यादव की तहरीर पर एकाउंटेंट धर्मेंद्र कुमार सहायक लेखाकार मनरेगा शिवशंकर और ग्रीन वडर् नर्सरी एटा के मालिक प्रेम सिंह प्रियंका ट्रेडर्स के मालिक यादवेन्द्र सिंह सहित पांच लोगों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत छह नवंबर को मुकदमा दर्ज कराया गया था । मामले की विवेचना क्षेत्राधिकारी भरथना चंद्र पाल सिंह द्वारा की जा रही है वहीं फर्जीवाड़ा में फर्मों द्वारा मनरेगा के खाते में बिना काम के ही हडपी गयी धनराशि को वापस किया गया है ।

 


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Moulshree Tripathi

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