मां-बेटी को उठवाने वाले इंस्पेक्टर की नौकरी खत्म, आधी रात के बाद की गई पूछताछ, महिला ने किया था सुसाइड; चौंका देगा अवैध हिरासत और उत्पीड़न का ये मामले
punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 11:38 AM (IST)
Kanpur News : कानपुर पुलिस ने एक महिला को अवैध रूप से हिरासत में लेने और उसके उत्पीड़न के मामले में पुलिस निरीक्षक आशीष कुमार द्विवेदी की भूमिका की पुष्टि होने के बाद उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया है। सोमवार को एक पुलिस अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, द्विवेदी जेल में बंद वकील अखिलेश दुबे के करीबी माने जाते हैं। जिस महिला को हिरासत में लिया गया था, वह बाद में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई थीं।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) विनोद कुमार सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में पुलिस निरीक्षक द्विवेदी को सेवा से बर्खास्त किए जाने की पुष्टि की। वर्ष 2022 में एनआरआई सिटी स्थित एक व्यवसायी के घर से आभूषण चोरी होने का मामला सामने आया था और उस समय थाना प्रभारी (नवाबगंज) आशीष कुमार द्विवेदी तथा चौकी प्रभारी रानू रमेश चंद्र ने घरेलू सहायिका एक नाबालिग लड़की और उसकी मां को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। अधिकारियों के अनुसार, मां-बेटी से आधी रात के बाद पूछताछ की गई और इसके बाद उन्हें ‘वन-स्टॉप सेंटर' भेज दिया गया, जहां अगली सुबह महिला शौचालय में फंदे से लटकी मिली थी। उन्होंने बताया कि जांच में अधिकारियों को अवैध हिरासत, उत्पीड़न और प्रक्रियागत उल्लंघनों के लिए दोषी पाया गया।
द्विवेदी को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा गया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए जिसके बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया। अधिकारी ने बताया कि उप निरीक्षक रानू रमेश चंद्र के खिलाफ कार्रवाई अभी जारी है। द्विवेदी की बर्खास्तगी के पीछे एक अन्य मामला भी है। वह उन छह पुलिसकर्मियों में शामिल थे जिन्हें 30 अगस्त को जेल में बंद वकील अखिलेश दुबे के साथ कथित मिलीभगत के आरोप में निलंबित किया गया था। अधिवक्ता दुबे पर हाई-प्रोफाइल लोगों को निशाना बनाकर जबरन वसूली और ब्लैकमेल करने का आरोप है। बर्खास्त होने से पहले द्विवेदी लगभग 80 दिनों से निलंबित थे।

