अखिलेश ने बदायूं से भाई की जगह चाचा को दिया टिकट, जानिए क्या हैं राजनीतिक मायने?

punjabkesari.in Wednesday, Feb 21, 2024 - 10:43 AM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी की लोकसभा उम्मीदवार की मंगलवार को आयी तीसरी सूची में बदायूं में धर्मेंद्र यादव का टिकट बदलने के मायने तलाशे जा रहे हैं। समझा जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के पार्टी छोड़ने के कारण अचानक यह निर्णय पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने लिया है। शिवपाल यादव जहां अखिलेश यादव के चाचा हैं, वहीं धर्मेंद्र यादव उनके चचेरे भाई हैं। बदायूं से स्वामी प्रसाद मौर्य की ही बेटी संघमित्रा सांसद हैं। पिता के विवादित बयानों का खामियाजा अगर भुगतना पड़ा तो उन्हें भाजपा से टिकट मिलने पर संशय है। इस स्थिति में अगर पिता और पुत्री नयी पार्टी बनाकर सपा के खिलाफ प्रचार करना भी चाहें तो सपा प्रमुख की नजर में शिवपाल यादव ज्यादा मजबूत साबित होंगे।

PunjabKesari

धर्मेंद्र यादव को दी गई संगठन की जिम्मेदारी
दरअसल, बदायूं को पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के गढ़ के रूप में देखा जाता रहा है। ऐसे में अब शिवपाल पर इस सीट को जीतने की जिम्मेदारी दे दी गई है। लोस चुनाव 2019 में भाजपा की संघमित्रा मौर्य ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने सपा के धर्मेंद्र यादव को हराया था। अब धर्मेंद्र यादव को संगठन की जिम्मेदारी दी गई है। सपा की ताजा सूची में उन्हें कन्नौज और आजमगढ़ लोकसभा सीट का प्रभारी बनाया गया है। माना जा रहा है कि इन दोनों सीटों पर जीत का समीकरण तैयार करने की जिम्मेदारी धर्मेंद्र पर होगी। कन्नौज से अखिलेश यादव के चुनावी मैदान में उतरने की चर्चा है।

PunjabKesari

सपा ने ऐन मौके पर कांग्रेस पर बनाया दबाव
उत्तर प्रदेश में वाराणसी लोकसभा सीट सबसे हॉट सीट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां से पिछली दो बार कांग्रेस के अजय राय चुनाव लड़ चुके हैं। चूंकि, अभी तक कांग्रेस और सपा के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत पूरी नहीं हो सकी है, ऐसे में सपा की ओर से वाराणसी से उम्मीदवार घोषित करने को कांग्रेस पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि, सपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लखनऊ में प्रवेश करते ही सपा ने यह सूची जारी की है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ajay kumar

Related News

static